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एक महिला की मौत साल 1915 में हो गई. उसे दफना भी दिया गया, तभी उसकी बहन वहां पहुंच गई. पादरियों से उसने अपनी बहन को देखने की इच्छा जाहिर की और कब्र से बॉडी निकलवाई. ताबूत खोलते ही वहां मौजूद लोग हक्के-बक्के रह ग…और पढ़ें

क्या कोई मरकर दोबारा जिंदा हो सकता है? वो भी ताबूत में दफ्न किए जाने के बाद? ऐसा संभव नहीं है. लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसी ही महिला की कहानी वायरल हो रही है. पोस्ट के मुताबिक, महिला की मौत हो गई, तब उसे ताबूत में बंद कर कब्र के अंदर दफना दिया गया. लेकिन ऐसा करने के कुछ देर बाद ही मृतक महिला की बहन उसकी लाश देखने पहुंच गई. वो जिद्द करने लगी कि कब्र से बॉडी निकाली जाए. उसे अपनी बहन को आखिरी बार देखना था. ऐसे में चर्च के पादरियों ने जैसे ही कब्र से ताबूत निकाला और खोला, वो हक्के-बक्के रह गए. सुनने में ये काल्पनिक कहानी जैसी लगती है, लेकिन 1915 में अमेरिका के दक्षिण कैरोलिना के ब्लैकविल शहर में 30 वर्षीय एस्सी डनबर (Essie Dunbar) के साथ ऐसा ही हुआ था, जिसके बारे में जानकर आज भी लोग हैरान हो जाते हैं. लेकिन इसको लेकर कई सवाल भी खड़े होते हैं.
बताया जाता है कि साल 1915 की गर्मियों में एस्सी डनबर को मिर्गी का दौरा पड़ा. वह जमीन पर गिर पड़ी और सांस लेना बंद कर दिया. उसके परिवार ने घबराकर ब्लैकविल के डॉक्टर डीके ब्रिग्स को बुलाया. डॉक्टर ने जांच की तो देखा कि महिला की सांस रुक गई थी और नसों में भी कोई हलचल नहीं दिखी. ऐसे में उन्होंने एस्सी को मृत घोषित कर दिया. ऐसे में परिवार ने अगले दिन सुबह 11 बजे अंतिम संस्कार की योजना बनाई, ताकि पास के शहर में रहने वाली एस्सी की बहन भी शामिल हो सके. अगले दिन अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई, जिसमें तीन पादरी शामिल हुए. लेकिन तब तक एस्सी की बहन नहीं पहुंची. ऐसे में पादरियों ने ताबूत को कब्र में रख दिया और मिट्टी डालने लगे. हालांकि, 6 फिट गहरी कब्र में ताबूत रखने के कुछ मिनट बाद ही मृतक एस्सी की बहन वहां आ गई. उसने पादरियों से अनुरोध किया कि वह अपनी बहन को आखिरी बार देखना चाहती है. पादरियों ने उसकी भावनाओं का सम्मान करते हुए ताबूत को खोदकर निकालने का फैसला किया. लेकिन जैसे ही ताबूत खोला गया, वहां मौजूद सभी लोग दहशत में चीख पड़े. लोग जिसे मरा हुआ समझ रहे थे, वो महिला ताबूत में बैठ गई और अपनी बहन की ओर देखकर मुस्कुराने लगी!
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