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फिल्मों में जुड़वा भाई बहन को लेकर जिस तरह की कहानी दिखाई जाती है, ठीक उसी तरह से इनकी भी कहानी है. दोनों भाईयों की कई रोचक कहानियां भी हैं, जिसका जिक्र यह खुद भी करते हैं.

दोनो भाई बताते हैं कि बाजार में हमें देखकर लोग अचंभित हो जाते है.
हाइलाइट्स
- संतोष और आशुतोष जुड़वा भाई, चाल-ढाल और हरकतें मिलती-जुलती हैं.
- बारात में संतोष को दूल्हा समझ लिया गया, बाद में सच्चाई बताई.
- आशुतोष ने छोटे भाई की इंटरमीडिएट परीक्षा दी, ज्यादा नंबर मिले.
गया:- जुड़वा भाई बहन की ऐसी कई कहानियां आपने सुनी होगी, जिससे मन रोमांचित हो जाता है. ऐसे ही बिहार के गया जिले के जुड़वा भाई छोटे और बड़े की कहानी अनोखी है. छोटे का नाम संतोष कुमार और बड़े का नाम आशुतोष कुमार है. दोनों की चाल ढाल से लेकर हरकतें भी मेल खाती हैं. दोनों समाजसेवा से जुडे हुए हैं और दोनों को खेल से जुड़े रहना पसंद है. छोटे और बड़े गया शहर के नई गोदाम पंजाबी कॉलोनी के रहने वाले हैं.
बारात में हुआ अजब-गजब वाकिया
फिल्मों में जुड़वा भाई बहन को लेकर जिस तरह की कहानी दिखाई जाती है, ठीक उसी तरह से इनकी भी कहानी है. दोनों भाईयों की कई रोचक कहानियां भी हैं, जिसका जिक्र यह खुद भी करते हैं. संतोष कुमार उर्फ छोटे लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि उनके बड़े भाई की शादी हो रही थी और बारात पहुंची थी.
इसके बाद घराती वालों ने उन्हें ही दूल्हा समझ लिया. दूल्हे की तरह उनकी आवभगत करने लगे. स्थिति को समझने में उन्हें मुझे देर नहीं लगी और उन्होंने लोगों को बताया कि वो दूल्हा नहीं, बल्कि दूल्हे के छोटे भाई हैं. वहीं दूल्हे राजा दूसरी गाड़ी में है.
लड़ाई के समय हुई अजब-गजब घटना
हाल ही में गया शहर में दो व्यक्ति में मारपीट हो रही थी. उस दौरान छोटा भाई संतोष उर्फ छोटे वहां पर मौजूद था. मारपीट की घटना के बीच वह वहां से हट गया. इस बीच बड़ा भाई भी वहां पहुंच गया. पुलिस आई, तो लोग बड़े को गवाही देने को कहने लगे. उनका कहना था कि आप शुरू से थे, पूरी चीज बताइए. तब बड़े ने कहा कि मैं शुरू से नहीं था. मेरा छोटा भाई संतोष वहां था.
क्रिकेट के समय एक गेंदबाजी, दूसरा बल्लेबाजी
दोनो भाइयों को क्रिकेट से भी काफी लगाव है. एक रोचक घटना की जिक्र करते हुए बड़े भाई बताते हैं कि मुझे बाॅलिंग करना अच्छा लगता था, जबकि छोटे बल्लेबाजी बढ़िया करता था. छोटे ओपन करता था, जबकि मैं चार विकेट आउट होने के बाद बैटिंग करने जाता था. एक बार एक मैच में टीम की स्थिति काफी खराब थी और जल्द हीं चार बल्लेबाज आउट हो गये.
बल्लेबाजी करने मुझे जाना था, लेकिन दोनों भाई का चेहरा एक जैसा होने का लाभ छोटे भाई को मिला और मेरे जगह बल्लेबाजी करने चला गया. हालांकि विरोधी टीम ने विरोध जताता था, लेकिन उन्हें बताया गया कि दोनों जुड़वा भाई हैं और इन्होंने अभी बैटिंग नहीं की है.
बड़े भाई ने दिया छोटे का एग्जाम
बड़े भाई आशुतोष ने एक और रोचक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि छोटे भाई क्रिकेट में काफी समय देता था. पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट खेलता था. जब उसकी इंटरमीडिएट की परीक्षा थी, तो उसकी परीक्षा मैंने दी थी. चेहरा एक जैसा होने का लाभ यहां भी छोटे भाई को मिला और इंटरमीडिएट में मुझसे ज्यादा नंबर छोटे को मिला. दोनों भाई बताते हैं कि बाजार में हमें देखकर लोग अचंभित हो जाते हैं.
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