General knowledge: किसानों के लिए वरदान है ये ऐतिहासिक नाला, यूपीएससी में भी पूछे जाते हैं इससे जुड़े सवाल, खासियत जान हो जाएंगे हैरान

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एशिया का सबसे बड़ा ताल बलिया का सुरहा ताल कहा जाता है. इसी ताल से कटहल नाला निकलता है, जिसको कष्टहर नाला भी कहा जाता है.

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हिंदुस्तान का अजूबा नाला, यूपीएससी में सवाल 

हाइलाइट्स

  • कटहल नाला किसानों के लिए वरदान है.
  • यह नाला 6 महीने उत्तर और 6 महीने दक्षिण बहता है.
  • यूपीएससी में कटहल नाले से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.

बलिया: आज हम आपको एक ऐसे नाले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खासियत जान हर कोई हैरान हो जाता है. बताया जाता है कि इससे जुड़े सवाल यूपीएससी में भी पूछे जाते हैं. यह एक बड़ा अजूबा नाला है, जो अपने जनपद के न केवल कष्ट को दूर करता है, बल्कि किसानों के लिए एक वरदान भी है. इसे वर्तमान में कटहल नाला कहा जा रहा है, लेकिन जिले के कष्ट को दूर करने के नाते इसे कष्टहर नाला कहा जाता था और यह सुरहा ताल से जुड़ता है. जहां राजा सूरत ने अपने जीवन के अधिक समय बिताए थे. इसी नाले के पानी में नहाने से उनका कुष्ठ रोग दूर हुआ था, जिसके नाते इसे कुष्ठहर नाला भी कहा जाता है. चूंकि अब इसका अस्तित्व अब खतरे में जा रहा है और इसका पानी बिल्कुल गंदा हो चुका है. लेकिन इसके बावजूद इस नाले पर सरकार की नजरे इनायत हुई है.

नाले के दक्षिण में गंगा तो उत्तर में बहती है सरयू नदी…

वरिष्ठ नागरिक नरेंद्र मिश्रा ने कहा कि “एशिया का सबसे बड़ा ताल बलिया का सुरहा ताल कहा जाता है”. इसी ताल से कटहल नाला निकलता है, जिसको कष्टहर नाला भी कहा जाता है यानी कष्टहर का मतलब जनपद के कष्ट को दूर करना है. पूरे जिले का कचरा इसके द्वारा निकल जाता है. गंगा नदी शहर के दक्षिणी छोर से और उधर उत्तर छोर से सरजू नदी हैं. यह नाला 6 महीना उल्टा और 6 महीना सीधा बहता है. इस नाले का जनरल नॉलेज में भी जिक्र किया जाता है.

यूपीएससी में पूछे जाते हैं सवाल, 6 महीने में बदल जाती है धारा…

बलिया के रहने वाले वरिष्ठ नागरिक मधुसूदन सिंह ने कहा कि “कटहल लाल बलिया का एक ऐतिहासिक नाल है”. जब गंगा में बाढ़ आती है तो इसका पानी सुरहा ताल की तरफ और जब सुरहा ताल में बाढ़ आता है तो इसका पानी गंगा की तरफ बहने लगता है यानी 6 महीना उत्तर और 6 महीना दक्षिण की दिशा में बहता है. इस कटहल नाले से जुड़े किसान इसके पानी का इस्तेमाल कर मुनाफा कमाते हैं. खेती में इसके पानी का उपयोग करने से किसी खाद की आवश्यकता नहीं पड़ती है. कटहल नाला किसानों के लिए भी एक वरदान है. यूपीएससी में भी कटहल नाले के संबंध में कई बार सवाल पूछे गए हैं कि “आखिर हिंदुस्तान में ऐसा कौन-सा नाला है, जो 6 महीना उत्तर और 6 महीना दक्षिण दिशा में बहता है?”. जो बाहर के लोग होते हैं वह तो परेशान हो जाते हैं, लेकिन पूर्वांचल या बलिया के लोगों को इस बात की जानकारी है.

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किसानों के लिए वरदान है ये ऐतिहासिक नाला, खासियत जान हो जाएंगे हैरान

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