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इजरायल के तेल अजेका में हजारों सालों से खुले में खजाना पड़ा था, जिसे कोई देखता भी नहीं था. लेकिन पत्थरों के बीच से एक 3 साल की मासूम बच्ची ने उसे खोज निकाला और उसकी तकदीर बदल गई. वहां की सरकार ने मासूम बच्ची उत…और पढ़ें

बच्ची ने खेल-खेल में खोज लिया ये अनमोल खजाना. (Photo- Social Media)
किसी इंसान की किस्मत कब चमक जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. कई बार सालों से हमारी आंखों के सामने ही खजाना पड़ा रहता है, लेकिन हमारी नजर उस पर नहीं पड़ती. लेकिन जब वो हाथ लग जाता है, तो पता चलता है कि वो मामूली चीज तो खजाना निकला. ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला इजरायल में सामने आया है. यहां के तेल अजेका (Tel Azekah) सिटी में 3 साल की जीव नित्जन (Ziv Nitzan) नाम की बच्ची के हाथ खजाना लग गया. ये खजाना हजारों सालों से पत्थरों के बीच खुले में पड़ा था, लेकिन उसे कोई देखता भी नहीं था. लोग उसे पत्थर समझते रहे, लेकिन इस बच्ची ने खेल-खेल में उसे उठा लिया. बाद में पता चला कि वो 3800 साल पुराना एक ताबीज (Canaanite Scarab Amulet) था. मासूम बच्ची के इस खोज ने उसकी और उसके परिवार की तकदीर रातोंरात बदल दी. इतना ही नहीं, आर्कियोलॉजिस्ट भी इसे देखकर हैरान हैं.
3 साल की मासूम बच्ची जीव की बड़ी बहन ओमर नित्जन (Omer Nitzan) ने बताया, “वहां हजारों पत्थर बिखरे थे, लेकिन जीव ने उसी अनमोल खजाने को उठाया.” इसके बाद जब हमने उसकी रेत साफ की तो वो चमकने लगी. ऐसे में परिवार ने तुरंत इजराइल पुरातत्व प्राधिकरण (Israel Antiquities Authority) को इसकी सूचना दी. इसे देखने के बाद आर्कियोलॉजिस्ट भी दंग रह गए. बता दें कि तेल अजेका, इजरायल के शेफेला (Shephelah) क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जहां 15 साल से खुदाई चल रही है. यह जगह बाइबिल में डेविड और गोलियथ (David and Goliath) की कहानी की वजह से भी पॉपुलर है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी (Tel Aviv University) के पुरातत्व खुदाई के निदेशक प्रो ओडेड लिप्सचिट्स (Oded Lipschits) ने कहा, “मिडिल और लेट ब्रॉन्ज एज में तेल अजेका यहूदी लोलैंड्स (Judean Lowlands) का एक बड़ा शहर था. 3 साल की जीव को मिली ताबीज उन कई खोजों में शामिल है, जो कनान और मिस्र के सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है.”
पुरातत्व विशेषज्ञ डाफना बेन-टोर (Daphna Ben-Tor) ने इस ताबीज का महत्व समझाते हुए कहा, “कनानाइट स्कारब उस समय सील और ताबीज के रूप में इस्तेमाल होते थे. ये कब्रों, इमारतों और घरों में पाए जाते थे और इन पर धार्मिक विश्वास या सामाजिक रुतबे के प्रतीक अंकित होते थे.” प्राचीन मिस्र में स्कारब बीटल को पवित्र माना जाता था, क्योंकि मिस्री भाषा में स्कारब का अर्थ “उत्पन्न होना” था. मिस्रवासी इसे सृष्टिकर्ता भगवान का प्रतीक मानते थे, क्योंकि स्कारब गोबर के गोले में अंडे देता था, जिससे नया जीवन शुरू होता था. मासूम बच्ची की इस खोज ने सभी को चौंका दिया. जब बच्ची ने पत्थर को रगड़ा, तो उसकी खासियत दिखी. ऐसे में परिवार ने गूगल लेंस (Google Lens) से इसकी जांच की और अगले दिन प्राधिकरण को सूचित किया. इजराइल पुरातत्व प्राधिकरण ने फेसबुक (Facebook) पर इस खोज की सराहना की और जीव को “उत्कृष्ट नागरिकता” के लिए प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया. प्राधिकरण के निदेशक एली एस्कुसिडो (Eli Escusido) ने कहा, “जीव और उनके परिवार की जिम्मेदारी की वजह से यह खजाना अब सबके लिए उपलब्ध है.”
बच्ची द्वारा खोजे गए इस दुर्लभ खजाने को अब नेशनल कैंपस फॉर द आर्कियोलॉजी ऑफ इजराइल में पासओवर एग्जिबिशन में प्रदर्शित किया जाएगा, जहां मिस्र और कनानाइट युग के अन्य दुर्लभ अवशेष भी होंगे. इजराइल के हेरिटेज मिनिस्टर अमीचाई एलियाहू (Amichai Eliyahu) ने कहा, “जीव का यह स्कारब हमें हजारों साल पुरानी सभ्यताओं की कहानी से जोड़ता है. यह दिखाता है कि इजराइल में बच्चे भी इतिहास का हिस्सा बन सकते हैं.” बता दें कि तेल अजेका मिडिल ब्रॉन्ज एज (2100-1600 ईसा पूर्व) में एक रणनीतिक केंद्र था, जहां सड़कों का जंक्शन था. प्रो. लिप्सचिट्स ने बताया कि 1898 में ब्रिटिश पुरातत्वविदों ने यहां एक्रोपोलिस और कई अवशेष खोजे थे, लेकिन बाद में खेती के लिए यहां की जमीन भर दी गई थी, जिससे प्राचीन परतें सतह पर आ गईं. इसीलिए स्कारब जैसे अवशेष सतह पर मिलना संभव है. फिर भी, जीव की नन्ही नज़रों ने हजारों पत्थरों में से वही अनमोल खजाना चुना, जो इतिहास को नई रोशनी देता है.
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