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ऑस्ट्रिया के सेंक्ट थॉमस एम ब्लेसेंटीनकी गांव में मिली ममी के बारे में वैज्ञानिकों ने रोचक खुलासे किए हैं. पाया गया है कि यह ममी स्थानीय पादरी फ्रांज़ ज़ेवर सिडलर वॉन रोज़नेग की है. शव संरक्षण में लकड़ी की छाल,…और पढ़ें

वैज्ञानिकों को इस बात की हैरानी है कि आखिर यह ममी इतनी संरक्षित रह कैसे गई. (तस्वीर: Instagram video grab)
हाइलाइट्स
- ऑस्ट्रिया में मिली ममी स्थानीय पादरी की है.
- शव संरक्षण में लकड़ी की छाल, टहनियां, फैब्रिक का उपयोग हुआ.
- ममी का धड़ का निचला हिस्सा ज्यादा संरक्षित था.
वैज्ञानिकों ने एक ममी के अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. द एयर ड्राइड प्रीस्ट के नाम से मशहूर इस डरावनी ममी का गहन अध्ययन करते समय उन्हें शव संरक्षण जिसे शवलेपन भी कहते हैं, के बारे में कई अचंभित करे वाली बातें पता चली हैं. हैरानी की बात ये है कि ऑस्ट्रिया के एक गांव की यह ममी एक स्थानीय पादरी की है. इतना ज्यादा संरक्षित वैज्ञानिकों ने अब तक किसी भी ममी में नहीं देखा गया है.
सबसे ज्यादा संरक्षित ममी
दुनिया भर में कई देशों हजारों सालों से अलग अलग तरह से ममी बना कर शव संरक्षण की प्रथा रही है. सभी तरीकों को वैज्ञानिक समझ नहीं पाए हैं. हर तरीके का शव संरक्षण के नतीजा अलग अलग रहा है. लेकिन जितनी सुरक्षित ऑस्ट्रिया के सेंक्ट थॉमस एम ब्लेसेंटीनकी यह ममी है, उसने वाकई वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है.
क्या क्या हुए खुलासे
वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस प्रक्रिया में शव को संरक्षित करने के लिए लकड़ी की छाल, टहनियां, फैब्रिक, और ज़िक क्लोराइड का इस्तेमाल किया गया था. फ्रेंटियर्स इन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित विस्तृत विश्लेषण से उन्हें यह पहचानने में मदद मिली कि आखिर यह ममी किसकी है. इतना नहीं वे उस ममीकरण की प्रक्रियाओं को भी समझ सके जिसके बारे में अब तक बहुत ही कम पता था.

ममी का धड़ का निचला हिस्सा ज्यादा संरक्षित था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
किसकी है यह ममी
अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ एंड्रियास नेरलिच ने कहा, “यह ममी सेंक्ट थॉमस एम ब्लेसेंटीनकी गांव के चर्च के स्थानीय पादरी फ्रांज़ ज़ेवर सिडलर वॉन रोज़नेग की है जो 1746 की मौत हो गई थी.” शोधकर्ताओं ने कार्बन डेटिंग सीटी स्कैन, और फोकल ऑटोप्सी तकनीकों का इस्तेमाल किया और धड़ के ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से कायम था केवल धड़ के नीचे का हिस्सा और सिर में शरीर के सड़ने के संकेत दिखाई दिए हैं.
पेट के पास भरी गईं चीज़ें
पड़ताल के दौरान टीम ने पाया कि शरीर के पेट में और उसके निचले अंगों बहुत सारी चीज़ें भरी पाई गई थी. लकड़ी की छाल, टहनियों के टुकड़े, लेनिन, हेम्प और फ्लैक्स जैसे कपड़ों के टुकड़े पाए गए थे. पेट के अंदर का तरल पदार्थ इन चीजों ने सोख लिया था. ये सब चीज़ें शरीर में पेट के निचले हिस्से के नीचे से डाली गई थीं.
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फादर सिडलर वॉन रोजनेग वाल्डहॉसेन वंश के थे जिन्होंने 23 साल की उम्र में पादरी कि जिम्मेदारी ली थी. 1743 में वे गांव के पादरी बन गए थे और 37 साल की उम्र तक वे पद पर बने रहे जिस साल उनकी मौत हुई थी. लंबे समय से कहा जा रहा था कि यह ममी उन्हीं हैं, लेकिन वैज्ञानिक हाल के अध्ययन में ही इसकी पुष्टि कर सके.
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