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अधिकांश जगहों पर हम देखते हैं कि पब्लिक टॉयलेट में टिशू पेपर डिस्पेंसर को लॉक कर रखे होते हैं. ऐसा करने का मुख्य कारण चोरी और दुरुपयोग रोकना है. भारत के साथ पूरी दुनिया में यह एक मुख्य वजह बताई जाती है. लेकिन …और पढ़ें

लोगों का ध्यान इस बात पर नहीं जाता है, लेकिन टिशू पेपर डिस्पेंसर लॉक कर रखा जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
कई जगहों पर पब्लिक टॉयलेट में टिशू पेपर की सुविधा दी जाती है. लेकिन चाहे ऑफिस हो या फिर किसी मॉल या अन्य जगह, जहां भी टॉयलेट पेपर होते हैं, वे एक खास तरह के डिस्पेंसर में होते हैं और कई बार ये जाम हो जाते हैं. ऐसे में इन्हें खोल कर ठीक भी नहीं कर सकते हैं. कारण, इन्हें इन डिस्पेंसर्स में लॉक करके रख जाता है. पर क्यों? यह ऐसा सवाल है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है. लेकिन सवाल तो है और गलत भी नहीं है. तो आइए जानते हैं कि इस सवाल का आखिर क्या जवाब है कि पब्लिक टॉयलेट में टिशू पेपर्स को लॉक करके क्यों रखा जाता है?
ज्यादातर लोगों ने दिया यही जवाब
इस सवाल के कई जवाब हैं. इंटरनेट पर कई वेबसाइट्स ने इस सवाल पर विचार कर लोगों से जवाब मांगे हैं. क्वोरा और रेडिट जैसी साइट्स पर कई लोगों ने इसका सबसे ज्यादा यही जवाब दिया है कि इसका मकसद टॉयलेट पेपर चोरी से बचाना है. कुछ लोगों को लग सकता है कि भला कोई टॉयलेट पेपर चोरी क्यों करेगा? इस सवाल पर भी अधिकांश अपनी धारणा नहीं बदलना चाहते कि चोरी रोकने के लिए ही ऐसा किया जाता है.
और भी हैं कारण
लेकिन जाहिर है यह केवल एक जवाब है और इसके और भी कारण हो सकता है. जी हा, हैं, बिलकुल हैं. टॉयलेट पेपर डिस्पेंसर लॉक रखने का एक मकसद टॉयलेट पेपर का दुरुपोग रोकना है. कई लोगों का मानना है कि इससे लोग इसके उपयोग के लिए ईमानदार रहते हैं. अगर उसे खुला रखेंगे तो लोग इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं और इसकी बर्बादी हो सकती है.
एक वजह हाइजीन भी
टॉयलेट पेपर डिस्पेंसर के लॉक करने के पीछ एक कारण हाइजीन भी बताया जाता है. कई लोगों की दलील है कि लॉक करने से टॉयलेट पेपर इतने बंद रहते हैं कि वे हाइजीन के लिहाज से पूरी तरह सुरक्षित रह पाते हैं. खुले रहने से लोग जबरदस्ती उन पर हाथ लगा सकते हैं. इस डर से लोग उसे ज्यादा हाइजेनिक नहीं मानेंगे.
कुछ खतरे भी
इसके अलावा भी कई खतरे हो सकते हैं. द डेलीमेल के मुताबिक एक टिकटॉक यूजर ने बताया कि कई ड्रग एटिक्ट टायलेट पेपर का इस्तेमाल अपनी सुई को पोंछने में करते हैं. ऐसे में खुले टॉयलेट पेपर रोल में और जगह ऐसे निशान ना बनें , यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है. इसलिए उन्हें डिस्पेंसर में लॉक करना ज्यादा सुरक्षित होगा.
भारत में टॉयलेट पेपर रोल का इस्तेमाल बहुत व्यापक नहीं है. वह केवल शहरों के बड़ी इमारतों, (जैसे मॉल, ऑफिस, होटल, आदि) के सार्वजनिक शौचालयों में ही इस्तेमाल होता है. लेकिन फिर भी वहां भी यही नियम और कारण लागू होते हैं. इसलिए हम यहां भी टॉयलेट रोल डिस्पेंसर लॉक लगा देखते हैं.
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