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बोलीविया के एमाजोनास इलाके में बीते शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी. एक छोटा प्लेन से उत्तरी बोलीविया के बॉरेस से ट्रिनिडाड की यात्रा पर था जब बीच में अचानक वो क्रैश हो गया और उसकी इमर्जेंसी लैंडिंग एक दलद…और पढ़ें

प्लेन क्रैश के बाद बचाए गए 5 लोग. (फोटो: Facebook/Ministerio de Defensa Estado Plurinacional de Bolivia)
आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी, आसमान से गिरे, खजूर में अटके. यानी इंसान किसी समस्या से बच जाए मगर दूसरी समस्या में फंस जाए. ऐसा ही बोलीविया में कुछ लोगों के साथ हुआ, जो एक प्लेन क्रैश का शिकार हुए, मगर उनकी जान बच गई. पर प्लेन जहां गिरा, वो एक दलदल वाला इलाका था जहां ढेरों मगरमच्छ थे. ऐसी जगह पर ये लोग 36 घंटों तक रहे. हैरानी की बात ये थी कि 36 घंटे बाद जब उन्हें रेस्क्यू किया गया, तब तक वो सभी सुरक्षित थे.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार बोलीविया के एमाजोनास इलाके में बीते शुक्रवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी. एक छोटा प्लेन से उत्तरी बोलीविया के बॉरेस से ट्रिनिडाड की यात्रा पर था जब बीच में अचानक वो क्रैश हो गया और उसकी इमर्जेंसी लैंडिंग एक दलदली इलाके में करवानी पड़ी. प्लेन में 5 लोग बचे जिनमें एक बच्चा, 3 महिलाएं और उनका 29 साल का पायलट जिंदा था. वो लोग 36 घंटों तक वहीं फंसे रहे.
मगरमच्छों से भरे दलदल में गिरा प्लेन
प्लेन अचानक बोलीविया के बेनी प्रांत के रडार से गायब हो गया. काफी खोजबीन के बाद फ्राइडे को मछुआरों ने उन्हें खोजा और फिर एक हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें वहां से निकाला गया. हैरानी ये है कि मगरमच्छ उनके कुछ फीट दूरी पर ही थे मगर वो उनके पास शायद इस वजह से नहीं आ पाए क्योंकि प्लेन से लगातार ईंधन बह रहा था.
यूं बची यात्रियों की जान
पायलट ने लोकल मीडिया को बताया कि इंजन में गड़बड़ी की वजह से प्लेन की इमर्जेंसी लैंडिंग इटानोमास नदी के पास एक दलदल वाले इलाके में करनी पड़ी. प्लेन अपने आप नीचे आने लगा तो पायलट ने उसे दलदल में उतार दिया. प्लेन में 5 ही लोग मौजूद थे. वो प्लेन के ऊपर खड़े हो गए. उनके करीब 3 मीटर नजदीक तक मगरमच्छ पहुंच गए थे. हैरानी तो ये भी है कि इन लोगों को पानी में एक अनाकोनडा भी नजर आया था. ये इलाका अमेजन के जंगलों के बीच है. रेस्क्यू के इंतजार में सभी ने लोकल कसावा आटा फ्लोर खाया जो एक यात्री अपने साथ रख लाई थी. वो लोग पानी भी नहीं पी सकते थे क्योंकि आसपास मगरमच्छ थे. जैसे ही मछुआरों ने उन्हें खोजा, वैसे ही उन्हें बचाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा गया जो उन्हें अस्पताल लेकर गया.
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