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ग्रेटर नोएडा में अक्षय तृतीया पर 200 बाजार तैयार हैं, खासकर सर्राफा व्यापारी उत्साहित हैं. सोने की कीमत 40% बढ़कर 1 लाख प्रति 10 ग्राम हो गई है. इस बार 650 करोड़ का कारोबार अनुमानित है.

wedding season
हाइलाइट्स
- ग्रेटर नोएडा में 500 शादियां होंगी.
- सोने की कीमत 40% बढ़ी, फिर भी 30% अधिक बिक्री.
- अक्षय तृतीया पर 650 करोड़ का कारोबार अनुमान.
ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में अक्षय तृतीया पर ग्राहकों का स्वागत करने के लिए जिले के 200 बाजार पूरी तरह से तैयार हैं. सबसे अधिक उत्साहित सर्राफा व्यापारी और 850 शोरूम संचालक दिख रहे हैं, क्योंकि इस दिन सबसे अधिक स्वर्ण आभूषण खरीदे जाते हैं.
सोने के भाव में 40% की बढ़ोतरी
सोना पिछले साल की तुलना में इस साल 40% महंगा हो गया है, जिसकी कीमत 80000 से बढ़कर एक लाख रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है. लेकिन इस महंगाई का असर ग्राहकों पर नहीं दिख रहा है. बाजारों में अभी से लगभग 30% अधिक सोने की बिक्री का अनुमान लगाया जा रहा है.
नोएडा ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी
नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुशील कुमार जैन ने बताया कि इस बार जिले में सोने और चांदी का कुल कारोबार 650 करोड़ होने का अनुमान है.
पिछले सालों की तुलना
2020-21 और कोरोना के बाद 2022 में अक्षय तृतीया पर नोएडा में सोने का कुल कारोबार 300 करोड़ रुपए का हुआ था. लेकिन 2023 में यह 20% बढ़कर 360 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. 2024 में आभूषण का कारोबार 450 करोड़ रुपए रहा.
1 दिन में 500 शादियां मैरिज हॉल फुल
अक्षय तृतीया के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाजारों में खास तैयारियां की जा रही हैं. 30 अप्रैल को इस दिन जिले में करीब 500 से ज्यादा जोड़े शादी करेंगे. अक्षय तृतीया के मौके पर सर्राफा बाजार में विशेष ऑफर भी दिए गए हैं.
प्रॉपर्टी और कारोबार की उम्मीद
प्रॉपर्टी और बाजार में बेहतर कारोबार की उम्मीद है. राम ग्रुप के मैनेजर अमरजीत ने बताया कि शहर में राम ग्रुप के लगभग 10 हॉल हैं. उन्होंने बताया कि सभी शादियों के मैरिज हॉल की बुकिंग एडवांस में कराई गई थी. उन्होंने यह भी बताया कि पूरे जिले में लगभग 500 से अधिक शादियां होंगी.
अक्षय का मतलब
हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत शुभ माना जाता है. अक्षय का मतलब है जो कभी खत्म ना हो, जिसमें कमी ना हो. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया तिथि को ही सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ हुआ था, द्वापर युग का अंत हुआ था और कलयुग का प्रारंभ भी अक्षय तृतीया को ही हुआ था. इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है.
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