मोहब्बत हो तो ऐसा! छतरपुर के एक टीचर ने पत्नी की याद में बनवाया ‘प्रेम मंदिर’, जानिए दिल छू लेने वाली कहानी

Last Updated:

छतरपुर के रिटायर्ड शिक्षक डॉ. बेनी प्रसाद चंसोरिया ने अपनी दिवंगत पत्नी की याद में पन्ना रोड स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में ‘प्रेम मंदिर’ का निर्माण कराया है. 6 साल में तैयार हुए इस भव्य राधा-कृष्ण मंदिर में करोड…और पढ़ें

X

प्रेम

प्रेम प्रतीक मंदिर 

हाइलाइट्स

  • छतरपुर के रिटायर्ड शिक्षक ने पत्नी की याद में ‘प्रेम मंदिर’ बनवाया.
  • मंदिर का निर्माण पन्ना रोड स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में किया गया.
  • राधा-कृष्ण का यह भव्य मंदिर 6 सालों में बनकर तैयार हुआ है.

छतरपुर: छतरपुर जिले के एक रिटायर्ड शिक्षक डॉ. बेनी प्रसाद चंसोरिया ने अपनी पत्नी की याद में एक भव्य मंदिर बनवाया है. ऐसे में वह आज पूरे इलाके में मिसाल बन चुके हैं. उन्होंने न सिर्फ एक भव्य मंदिर बनवाया, बल्कि उसमें अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी भी समर्पित कर दी. यह मंदिर ‘प्रेम मंदिर’ के नाम से चर्चित हो चुका है और अब लोगों की आस्था के साथ- साथ प्रेम की एक जीवंत मिसाल बन गया है.

नृसिंह मंदिर परिसर में बना है ‘प्रेम मंदिर’
यह अनोखा मंदिर छतरपुर शहर के पन्ना रोड स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में स्थित है. यहां रिटायर्ड शिक्षक डॉ. बीपी चंसोरिया ने अपनी स्वर्गीय पत्नी वंदना चंसोरिया की स्मृति में राधा-कृष्ण का भव्य मंदिर बनवाया है. मंदिर में उनकी पत्नी की एक आदमकद मूर्ति भी स्थापित की गई है, जिसे श्रद्धालु प्रेम और सम्मान के साथ निहारते हैं.

6 साल में बनकर तैयार हुआ मंदिर
इस मंदिर को बनने में कुल छह साल लगे. 13 मई 2017 को भूमि पूजन हुआ था और 2023 में मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हुआ. निर्माण कार्य में राजस्थान के कुशल कलाकारों ने अपना योगदान दिया. मंदिर की भव्यता, नक्काशी और कलात्मकता इसे एक अनोखी पहचान देती है. रिटायर्ड शिक्षक ने इस निर्माण कार्य में करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. यह उनकी पूरी जीवनभर की पूंजी थी.

पत्नी की अधूरी इच्छा को किया पूरा
डॉ. चंसोरिया बताते हैं कि उनकी पत्नी वंदना ने जीवित रहते चित्रकूट में मंदिर और आश्रम बनवाने की इच्छा जताई थी. मगर उनके अचानक निधन से यह सपना अधूरा रह गया. पत्नी की याद और उनकी इच्छा को साकार रूप देने के लिए उन्होंने छतरपुर में यह ‘प्रेम प्रतीक मंदिर’ बनवाया. यह मंदिर अब राधा-कृष्ण और वंदना चंसोरिया के प्रेम की कहानियों से जुड़ गया है.

श्रद्धालुओं और प्रेमियों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
‘प्रेम मंदिर’ अब जिले में न सिर्फ एक धार्मिक स्थल बन गया है, बल्कि यह प्रेम और समर्पण की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है. दूर- दराज से लोग इस मंदिर को देखने आ रहे हैं और इस सच्चे प्रेम को सलाम कर रहे हैं. मंदिर परिसर में हर दिन श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है, और हर किसी की जुबान पर डॉ. चंसोरिया की मोहब्बत की कहानी रहती है.

समाज के लिए प्रेम और श्रद्धा का दिया संदेश
इस मंदिर की कहानी सिर्फ एक दंपति के प्रेम की नहीं, बल्कि समाज को यह भी संदेश देती है कि सच्चा प्रेम कभी मरता नहीं. डॉ. चंसोरिया का यह कदम आज लोगों को रिश्तों की अहमियत समझा रहा है और यह मंदिर प्रेम के एक जीवंत प्रतीक के रूप में स्थापित हो चुका है.

homemadhya-pradesh

मोहब्बत हो तो ऐसा! छतरपुर के एक टीचर ने पत्नी की याद में बनवाया ‘प्रेम मंदिर’

Related Content

यहां बना है मुरादों का कटोरा, पूरी करता है लोगों की चाह, पति से लेकर पैसा, सबकुछ मांगते हैं लोग

Illicit liquor deaths, law and order failures are DMK’s achievements in four years: Palaniswami

never pee in shower doctor warn women never urinate standing in shower viral video – शॉवर में नहाते वक्त भूलकर भी न करें ये गलती, वायरल वीडियो में डॉक्टर की चेतावनी, बोली- खराब हो जाएगा ये अंग!

Leave a Comment