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बिहार के रोहतास जिले में एक मां के अटूट विश्वास के बाद चमत्कार देखने को मिला. बच्चा महज़ छह महीने में एक निजी अस्पताल में पैदा हुआ, जिसका वजन सिर्फ 500 ग्राम था और डॉक्टरों ने उसका बचना मुश्किल बताया, आइए जानते…और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- सैफुल खातून ने 15वें बच्चे को जन्म दिया.
- बच्चे का वजन सिर्फ 500 ग्राम था.
- डॉक्टरों की मेहनत से बच्चा स्वस्थ हुआ.
रोहतास:- बिहार में रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड के गोपालपुर गांव की रहने वाली सैफुल खातून ने हाल ही में अपने 15वें बच्चे को जन्म दिया है. लेकिन यह सिर्फ एक सामान्य जन्म की कहानी नहीं है. यह संघर्ष, पीड़ा और एक मां की अटूट विश्वास की कहानी है. इससे पहले सैफुल खातून ने 14 बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन सभी बच्चे समय से पहले पैदा हुए और कुपोषण व अत्यधिक कमजोरी के कारण वे ज़िंदगी की लड़ाई हार गए.
हर बार उम्मीद टूटती रही, लेकिन इस बार हालात अलग थे. इस बार भी डिलीवरी समय से पहले हुई. बच्चा महज़ छह महीने में एक निजी अस्पताल में पैदा हुआ, जिसका वजन सिर्फ 500 ग्राम था. डॉक्टरों ने साफ कह दिया कि इसका बच पाना मुश्किल है. लेकिन मां ने हार मानने से इनकार कर दिया. उसने अपने नवजात को लेकर सासाराम सदर अस्पताल का रूख किया और वहीं के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में बच्चे को भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने पूरे समर्पण के साथ इलाज शुरू किया.
धीरे-धीरे सुधरने लगा बच्चे का स्वास्थ्य
सात दिनों तक लगातार निगरानी, देखभाल और इलाज के बाद वो चमत्कार हुआ, जिसका सबको इंतजार था. बच्चे का वजन 700 ग्राम तक पहुंच गया और हालत में धीरे-धीरे सुधार आने लगा. एक सप्ताह की मेहनत रंग लाई और आखिरकार डॉक्टरों ने बच्चे को खतरे से बाहर घोषित कर दिया. शनिवार को मां-बेटे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
डॉक्टर ने कही ये बात
इस विशेष मौके पर सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन खुद एसएनसीयू पहुंचे. उन्होंने वहां मौजूद डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को मिठाई खिलाई और गुलाब का फूल देकर उनके समर्पण की सराहना की. डॉ. मणिराज रंजन ने बताया कि सासाराम सदर अस्पताल में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं.
अस्पताल में 10 रेडिएंट वार्मर हैं और विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ लगातार सेवा दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि मातृ-शिशु अस्पताल की बेहतर व्यवस्था के कारण जिले में नवजात मृत्यु दर में कमी दर्ज की जा रही है.
इससे पहले 14 बच्चों को दिया जन्म
वहीं, सैफुल खातून ने भावुक होते हुए कहा कि यह उनका 15वां बच्चा है. उन्होंने बताया, “मेरे पहले 14 बच्चे समय से पहले पैदा हुए और कमजोर थे, जिनमें से कोई भी जीवित नहीं रह सका. इस बार भी डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा कमजोर है, लेकिन मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी. आज वह स्वस्थ है और मेरे साथ है, यही मेरी सबसे बड़ी खुशी है.” वे अब अस्पताल से अपने नवजात के साथ घर लौट रही हैं.
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