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ग्रेस कार्टर और लूकस मार्टिन ने अपने रिश्ते की समस्याओं से परेशान थे. बढ़ती बहस उनके रिश्ते में दरार डाल रही थी. फिर पहले ग्रेस ने समाधान के लिए चैटजीपीटी का उपयोग किया. उन्होंने इसे सपोर्ट सिस्टम माना. अब दोनो…और पढ़ें

पार्टनर के साथ बहस कई बार ज्यादा होने पर रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
हाइलाइट्स
- ग्रेस और लूकस ने चैटजीपीटी से रिश्ते की सलाह ली
- चैटजीपीटी ने ग्रेस और लूकस को समझने में मदद की
- अब ग्रेस दूसरों को भी चैटजीपीटी की सलाह देती हैं
पति पत्नी के बीच संबंध जटिल होता है. पश्चिमी देशों में इसमें प्रेमी प्रेमिका के रिलेशन को शामिल कर लिया जाता है. पिछले कई दशकों से पश्चिमी देशों के अध्ययन ऐसे भावनात्मक संबंधों की समस्याओं के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है. ग्रेस कार्टर और उनके बॉयफ्रेंड लूकस मार्टिन के बीच बहस बढ़ने लगी थीं. ऐसे में वह बार बार दोस्तों से सलाह भी लेना नहीं चाहती थी. ऐसे में उन्होंने इसके लिए आर्टिफीशिलय इंटेलिजेंस की मदद लेने का फैसला किया. आज आलम ये है कि ये जोड़ा चैटजीपीटी से सलाह लेता है और लोगों को भी इसकी मदद लेने लिए कहता है.
चैटजीपीटी और भावनात्मक सलाह?
मिरर के मुताबिक, 34 साल की ग्रेस पहले से ही चैटजीपीटी का इस्तेमाल अपने काम के लिए करती थीं. लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यह चैटबोट इस तरह से भी काम कर सकता है. ग्रेस ने चैटजीपीटी से अपने रिलेशन को लेकर सलाह मांगी. शुरू में कुछ असहज लगा, लेकिन लेकिन ग्रेस को हैरानी हुई कि यह तो राहत देने वाला टूल दिख रहा है. जल्दी ही वे चैटबोट से सहजता महसूस करने लगीं.
बनता गया सपोर्ट सिस्टम
जल्दी ही यह एक आदत बन गया. और अब ग्रेस नियमित रूप से चैटजीपीटी की इस्तेमाल करती हैं. और अब यह चैटबोट उनके लिए एक तरह का सपोर्ट सिस्टम हो गया है. चैटबोट ने ग्रेस और ल्यूकस की मदद कैसे की इसकी मिसाल देते हुए वे बताती हैं कि दोनों में इस बात को बहुत बहस होती थी कि क्या दोनों को एक दूसरे के फोन चेक करना चाहिए या नहीं.

हैरानी की बात ये है कि चैटजीपीटी का इस्तेमाल एक थेरेपिस्ट के तौर पर किया गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
कैसे सुलझा मामला?
ग्रेस को लगता था कि यह हद पार करने वाली बात थी, जबकि ल्यूकस को यह बहुत ही साधारण सी बात लगती थी. चैटजीपीटी ने इसे सुलझाने के लिए कहा, बात गोपनीयता की नहीं, सम्मान की है . ग्रेस मानती हैं कि चैटजीपीटी ने उन्हें और उनके साथी को एक दूसरे को समझने में मदद की है. दोनों यह अब यह तय कर पाते हैं की दोनों की सींमाएं क्या हैं. एक दूसरे को समझ पाते हैं.
और ल्यूकस के लिए?
लेकिन यह ल्यूकस के लिए भी आसान नहीं था. शुरू में तो जब उसने इस बारे में पता चला तो वह हंसा, उसे यकीन नहीं हुआ कि आखिर चैटजीपीटी जादुई रोबोट थेरेपिस्ट कैसे हो सकता है? लेकिन अब वह खुद ग्रेस को चैटजीपीटी से बात करने के लिए प्रोत्साहित करता है. ग्रेस इस चैटबोट का सबसे बड़ा फायदा उसकी तटस्थता बताती हैं. दोस्त किसी ना किसी का पक्ष ले ही लेते हैं. पर चैटजीपीटी के साथ ऐसा नहीं है.
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अब वह दूसरों को चैटजीपीटी का इस्तेमाल करने की सलाह देत हैं. जी हां, भावनात्मक मामलों में ही. उनका कहना है कि आप बात मानिए ये जरूर नही है. कई बार केवल अपनी बात ही साझा करना खुद के भावों को सुलझाने में मदद करता है.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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