उम्र कम हो या ज्यादा, हिम्मत और जुनून हो तो दुनिया को चौंका सकते हैं. कई लोग अपनी जिंदगी को आसान रास्तों पर ले जाते हैं, लेकिन कुछ अनोखा रास्ता चुनकर सबको हैरान कर देते हैं. आज हम आपको 27 साल की एक ऐसी ही फायरफाइटर महिला से मिलवाने जा रहे हैं, जिसका दिल टूटा यानी ब्रेकअप हुआ तो बर्मिंघम में किराए का घर छोड़कर कबाड़ हो चुकी नाव को खरीद दिया. इसके बाद उस टूटी-फूटी नाव को ही अपना आशियाना बना लिया. लेकिन कई दिनों तक मरम्मत के बाद इस महिला ने जब नाव की झलक दिखाई तो होश उड़ गए. महिला का नाम एल सटक्लिफ (El Sutcliffe) है, जो यूनाइटेड किंगडम के बर्टन-ऑन-ट्रेंट, ईस्ट स्टैफोर्डशायर (Burton-on-Trent, East Staffordshire) की रहने वाली है. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन बता दें कि इस टूटी हुई नाव को आरामदायक घर बनाने में कुल 15,750 पाउंड (17 लाख 93 हजार रुपए) खर्च हुए.
एल सटक्लिफ (El Sutcliffe) ने बताया कि 15,000 पाउंड (लगभग 17 लाख रुपए) के बजट के साथ बर्मिंघम के किसी खराब इलाके में एक बेडरूम का फ्लैट खरीदने की बजाय मई 2024 में 49 फीट की नाव खरीदी, जिसमें फर्श तक नहीं था. इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता हेलेन और हेडन की मदद से इसे आरामदायक घर में बदल दिया. हाल ही में एल सटक्लिफ ने अपने इस घर की झलक सोशल मीडिया पर दिखाई. इस नाव में अब लॉन्ग बर्नर, पूरी तरह से सुसज्जित किचन, बेडरूम और लिविंग एरिया है. बाथरूम का काम लगभग पूरा हो चुका है. वहीं, एल बाहर की दीवारों पर पेंटिंग की योजना बना रही हैं. एल ने बताया, “यह फैसला मेरे लिए आसान था. मेरे पास बहुत कम पैसे थे, उतने में मैं बर्मिंघम के किसी खराब इलाके में ही एक बेडरूम का फ्लैट खरीद सकती थी. लेकिन नाव में मुझे ज्यादा आजादी और कम खर्चा दिखा.” नाव वाले इस अनोखे घर में रहकर एल हर महीने 62 हजार रुपए बचाती हैं, जो कि फ्लैट के किराए से कहीं कम है.

Photo credit- Social Media
बताते चलें कि इस नाव को खरीदने के बाद एल ने 10,000 पाउंड (11 लाख 38 हजार) का बजट इसके इंटीरियर के लिए रखा, जिसे वे अपनी फायरफाइटर की सैलरी से पूरा करती हैं. नाव को रहने लायक घर बनाने में उनकी मां हेलेन (58 साल) और पिता हेडन (61 साल) ने भी इसमें खूब मदद की, जिसमें जंग हटाना, इंसुलेशन, नई छत, नया फर्श बनाना शामिल था. एल ने कहा कि नाव का मेंटेनेंस कोई मजाक नहीं है. हर महीने सामान्य रखरखाव में भी काफी खर्चे होते हैं. इसमें अचानक आने वाले रिपेयर बिल शामिल नहीं हैं.एल कहती हैं, “यह छोटा सा स्पेस सिर्फ 20 वर्ग मीटर का ही है. इस वजह से सामान रखने की भी ज्यादा जगह नहीं है. ऐसे में यहां शिफ्ट होने से पहले मुझे ढेर सारे कपड़े छोड़ने पड़े, लेकिन अब मैं इसकी आदी हो गई हूं.” उन्होंने अपने सामान को बहुत कम कर दिया और अब सादगी से जीती हैं.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लोग जब मेरे घर को देखते हैं तो उन्हें लगता है कि ये बहुत खूबसूरत है. लेकिन इसे बनाने में काफी मेहनत और मुश्किलें आईं. हर महीने मेंटेनेंस पर भी काफी खर्चा होता है. लेकिन ये मुझे आजादी से जीना सिखलाता है. पहले मैं नौकरी और शहर बदलने से कतराती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अगर काम बदलता है या मुझे नया एडवेंचर चाहिए, तो मैं रस्सी खोलकर कहीं भी जा सकती हूं. यह आजादी घर में नहीं मिलती. लेकिन उन्होंने दूसरे लोगों को आगाह भी किया कि वे इस तरह के घर में रहने के बारे में न सोचें, क्योंकि यह हर किसी के लिए नहीं है. आपको गंदगी में हाथ डालने के लिए तैयार रहना होगा. हमेशा कुछ न कुछ ठीक करना पड़ता है. बता दें कि एल के वीडियो को लोग खूब देखते हैं. इतना ही नहीं, उनकी तरह कई लोग हैं, जो इस तरह के बोट में रहते हैं और उनकी एक बोटिंग कम्युनिटी भी है. वे कहती हैं, “दूसरे बोटर्स और वैकल्पिक जिंदगी में रुचि रखने वालों से जुड़ना शानदार है.”
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