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लीफ इंसेक्ट एक अनोखा कीड़ा है जो पत्ती जैसा दिखकर शिकारियों से बचता है. लेकिन ये दूसरे ऐसे कीड़ों जैसा नहीं है जो छरलावरण करते हैं. इसे देखकर लगता है कि ये आई का कमाल है यो कई कारीगरी है. यह जमीन पर हिलता भी ह…और पढ़ें

कीड़े कई आकार प्रकार के होते हैं और हर तरह का कीड़ा अलग तरह का पत्ता लगता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
हाइलाइट्स
- लीफ इंसेक्ट पत्ती जैसा दिखकर शिकारियों से बचता है
- ये कीड़े दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में मिलते हैं
- लीफ इंसेक्ट हिलते हैं तो पत्ते की तरह लगते हैं
दुनिया में आपने बहुत से जानवरों के बारे में सुना होगा जो अपने भेस बदलने में माहिर हैं. अक्सर ऐसा जानवरों का रंग ऐसा होता है कि जंगल में इन्हें पहचान पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. या तो ये किसी पेड़ या जमीन या फिर घास का हिस्सा नजर आते है. या फिर कई जीव गिरगिट की तरह रंग बदल कर कभी पत्थर तो कभी पेड़ के तने की ही तरह दिखते हैं और उनका शिकार करने वाले जानवरों को दिखाई ही नहीं देते हैं. इस तरह से खुद को छिपाने की क्षमता को कैमाफ्लॉज या छलावरण (Camouflage) कहते हैं. पर एक अनोखा जीव ऐसा है जिसे देखकर आपको सदमा ही लग सकता है.देखने में एआई का कमाल लगने वाले लीफ इंसेक्ट नाम के इस कीड़े को देख कर तो आपके होश ही उड़ जाएंगे.
एआई का कमाल या कोई ट्रिक?
जी हां इस जीव को देख कर आपको लग सकता है कि ये एआई का कमाल है या कोई ट्रिक है. लेकिन ऐसा नहीं है. यह उन चुनिंदा कीटों में से एक है जो खुद को बचाने के लिए पत्ती की तरह दिखते हैं और पत्ती के ऊपर खुद को इस तरह से रख देते हैं कि या तो वे पत्ती में ही छिप जाते हैं या खुद एक पत्ती ही लगते हैं.
कुदरत की कारीगरी का मुकाम
लेकिन लीफ इंसेक्ट ने कुदरत की कारीगरी को अलग ही मुकाम तक पहुंचाने का काम किया है. इनका एक रंग रूप नहीं हैं. इनके अनेक रूप हैं. लेकिन जब आप उन्हे देखेंगे तो लगेगा ही नहीं कि वे कीड़े हैं उनकी संरचना ही ऐसी होगी कि आपको लगेगा कि किसी में ने पत्ते में ही कोई क्राफ्टिंग कर डाली है.

कीड़े की तस्वीर देख कर यकीन नहीं होता कि असल में ऐसे कीड़े हो भी सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)
क्यों है ऐसा स्वरूप
लेकिन ऐसा दिखने के पीछे उनका एक खास मकसद है. वे भी दूसरे जानवरों की तरह एक छलावरण या कैमोफ्लॉज करते हैं. यानी शिकारियों से बचे के लिए खुद को एक पत्ते या पत्ती की तरह दिखते है. इनका रूप ऐसा होता है कि शिकारी क्या इंसान इनकी तस्वीर और इन्हें जिंदा हाथ में लेने के बाद भी यकीन ना करे कि ये कीड़े हैं कोई टूटा हुआ पत्ता नहीं.
हिलते भी पत्तों की तरह
लीफ इंसेक्ट की कुछ प्रजातियों में इन कीड़ों के शरीर पर वैसे ही निशान होते हैं जैसा इंसानों के शरीर पर कीड़े के काटने के निशान होते हैं. इसका फायदा ये होता है कि अच्छे से अच्छी नजरों वाला शिकारी भी धोखा खा जाता है और उन्हें कुदरती पत्ती या उसका हिस्सा समझ बैठता है. इतना ही नहीं ये कीड़े जमीन या पत्थर पर इस तरह से हिलते हैं कि इन्हें हवा हिला रही है.
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लीफ इंसेक्ट्स दक्षिण एशिया से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिलते हैं. वैसे तो ये कई प्रकार के होते हैं पर अभी तक एक्सपर्ट इन्हें फेमिली फिलीडे का हिस्सा ही मानते हैं. इन्हें सबसे पहले 15वी सदी में पुर्तगाली विशेषज्ञ एंटोनियो पिगाफेटना ने कंबोडिया के द्वीपों में खोजा था. तब उसने अपने वृत्तांत में लिखा था कि द्वीप में कुछ पेड़ हैं जिनके पत्ते गिरने पर चलते हैं और छूने पर दौड़कर भाग जाते हैं.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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