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कभी ना कभी दुनिया ही नहीं बल्कि पूरा का पूरा ब्रह्माण्ड भी जरूर खत्म हो जाएगा. पर ऐसा कब होगा? नई रिसर्च ने इस सवाल का रोचक जवाब निकाला है, उनके मुताबिक ब्रह्माण्ड का अंत क्विनविजिनटिलियन साल में होगा, जो पहले …और पढ़ें

ब्रह्माण्ड के अंत के समय तारे या ब्लैक होल सभी धीरे धीरे खत्म हो जाएगा. (तस्वीर: Instagram video grab)
हाइलाइट्स
- ब्रह्माण्ड की उम्र का नया अनुमान पहले से कम है
- नई रिसर्च के अनुसार ब्रह्माण्ड का अंत क्विनविजिनटिलियन साल में होगा
- हॉकिंग विकिरण के कारण नया अनुमान पहले से छोटा है
दुनिया कब खत्म होगी इस पर तो कई लोगों ने अलग-अलग तारीखें बताई हैं. वैज्ञानिक भी समय समय पर पृथ्वी के आखिरी दिन के हालात का अनुमान लगाते रहते हैं. पर ब्रह्माण्ड कब खत्म होगा इस पर बात कम होती है. वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड के अंत की कुछ संभावनाएं बताई हैं. उन्होंने पहले भी इस बात का अनुमान लगाया है कि यह कब होगा. नए स्टडी में भी बताया गया है कि ऐसा कब हो पाएगा. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनका नया अनुमान पुराने अनुमान से काफी छोटा है. इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि ऐसा कैसे और क्यों होगा और पुराने और नए अनुमान में इतना अंतर क्यों है!
कितनी उम्र हो बताई है अभी
नीदरलैंड की रोडबाउंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्रह्माण्ड पूरी तरह खत्म होने में क्विनविजिनटिलियन साल का समय लगा देगा. इस संख्या में एक के बाद 78 शून्य होते हैं. अगर इसी तुलना ब्रह्माण्ड की वर्तमान उम्र से करें तो फिलहाल उसकी उम्र करीब 13 अरब साल है. एक अरब में एक के आगे 9 शून्य होते हैं.
पहले कितनी बताई थी उम्र?
हैरानी भरा पहलू यह है कि इससे पहले वैज्ञानिकों ने जो उम्र बताई थी उसमें और इस अध्ययन में बताई गई उम्र में बहुत ज्यादा अंतर है. पिछले अनुमान में ब्रह्माण्ड की उम्र में सालों की संख्या है उसमें एक आगे 1100 शून्य थे. दोनों में तुलना की जाए तो अभी की बताई गई उम्र बहुत ही ज्यादा कम है. ऐसे में सवाल उठता है कि इतना अंतर कैसे?

ब्रह्माण्ड के अंत के समय का नया अनुमान पुराने अनुमान से काफी कम है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
पिछले अध्ययन में अंत की वजह
जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स में प्रकाशित होने जा रहा यह अध्ययन फिलहाल आर्काइव प्रिप्रिंट पर उपलब्ध है. इसमें वैज्ञानिकों ने बताया है कि आखिर उनके नए अनुमान की संख्या में इतनी गिरावट क्यों आ गई? ब्रह्माण्ड के अंत की प्रक्रिया में ब्रह्माण्ड के हर पिंड का अंत होना है. यहां तक कि उन सभी ब्लैक होल का भी, जिनमें ब्रह्माण्ड की बाकी चीज़ें समा जाएंगी. पिछले अध्ययन में बताया गया था कि ब्लैक होल आखिर में धीरे धीरे वाष्पीकरण की तरह उड़ कर खत्म हो जाएंगे.

वैज्ञानिकों का कहना है कि हॉकिंग विकिरण ब्लैक होल ही नहीं अन्य सभी पिंडों के खत्म होने के कारण बनेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)
सभी में होता है एक खास विकिरण!
लेकिन इस अध्ययन में शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्लैक होल हॉकिंग विकिरण से खत्म होते हैं जिससे उनका अंत हो जाता है. हॉकिंग ने बताया था कि ब्लैक होल से भी कई कण छूट के निकल भागते हैं, इसे ही हॉकिंग विकिरण कहा जाता है. इससे ब्लैक होल धीरे धीरे खत्म होने लगते हैं. ऐसा न्यूट्रॉन और सफेद बौने तारों के साथ भी होता है. तारों के जीवन चक्र में उनका अंत उनके आकार पर निर्भर होता है, छोटे तारे सफेद बौने बनते हैं, बड़े न्यूट्रॉन तारे बनते हैं.
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अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता हेइनो फाल्के का कहना है कि पिछले अध्ययन में वैज्ञानिकों ने हॉकिंग विकिरण को अपनी गणना में शामिल नहीं का था. इसीलिए उनका अनुमान कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया था. पिछले अध्ययन में ब्लैक होल जैसे पिंडों के अंत में उड़ जाने की प्रक्रिया से अंत की गणना की गई थी. ज्यादा कण गायब होने से ब्लैक होल और तेजी से खत्म होने लगते हैं.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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