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सत्यदेव राय, भोजपुर के पुरहरा गांव के निवासी, 200 एकड़ भूमि के मालिक हैं और हाथी-घोड़े के शौकीन हैं. उन्होंने 25 हाथी और 400 घोड़े पाले हैं. उनकी उम्र 75 साल है और वे पंचायत के मुखिया भी हैं.

25 हाथी और 400 घोड़ा रखने वाले भोजपुर के इस जमींदार के शौक की चर्चा उत्तरप्रदेश स
भोजपुर. पुरहरा गांव के रहने वाले सत्यदेव राय के किस्से कई सारे हैं. पहला किस्सा जमींदारी से जुड़ा है, तो दूसरा उनके शौक से. सत्यदेव राय आज भी उस क्षेत्र के सबसे ज्यादा जमीन वाले व्यक्ति में से एक हैं. इनके पास आज भी 200 एकड़ भूमि है. जिन में कई प्रकार की खेती होती है और खुद सत्यदेव राय आज भी इस खेती को करवाते हैं. वह कभी 25 हाथी और 400 घोड़ा एक साथ रखते थे. जिले में ही नहीं बल्कि राज्य में भी उन्हें उनके शौक के लिए ही जाना जाता था. आज भी उनके पास कई घोड़े देखने को मिल जाएंगे. उनकी उम्र लगभग अब 75 साल हो चुकी है लेकिन शौक और शान में कोई कमी नहीं आई है.
लोकल 18 से सत्यदेव राय की बातचीत हुई तो कई सारे किस्से और कहानी उनके द्वारा बताए गए. रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया से लेकर कई मंत्री और विधायक के साथ उनके रिश्ते पर भी चर्चा हुई. लेकिन इस बीच जो सबसे खास बात निकाल कर के आई वह हाथी और घोड़े का शौक था. हम सभी जानते हैं कि पहले के राजा और महाराजा हाथी घोड़ा के शौकीन होते थे. उनके जाने के बाद भी यह शौक कुछ लोगों का पास बना रहा उसी में से एक व्यक्ति सत्यदेव राय भी हैं.
हाथी की सवारी, कांधे पर राइफल और मूंछ पर ताव
सत्यदेव राय ने बताया कि एक समय था जब वह 40 घोड़े एक साथ रखते थे. हाथियों की बात करें तो अब तक के जीवन में 25 से 30 हाथी वह रख चुके हैं. उन्होंने बताया कि हाथी और घोड़े की वह इतने शौकीन थे कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान में व्यापारियों के पास कोई चुनिंदा हाथी या घोड़ा आता था, तो उन तक सूचना पहुंचाई जाती थी, इसके बाद सत्यदेव राय खुद वहां जाकर उसको परखते थे और उसके बाद इसे खरीद कर अपने गांव पुरहरा ले आते थे. उन्होंने बताया कि आसपास के क्षेत्र में अगर कहीं जाना होता था तो हम हाथी पर बैठकर जाते थे और कंधे पर एक राइफल लिए मूंछ पर ताव देकर चल देते थे.
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आज भी गांव में होती है उनकी चर्चा
सत्यदेव राय ने बताया कि जब उन्होंने पहली बार हाथी खरीदा था तो मात्र 85000 रुपए लगे थे और आखिरी हाथी जब वह खरीदा तो 3:30 लाख रुपए दिए थे और जो हाथी वह 3:30 लाख रुपए में खरीदा था आज उसकी कीमत 2 करोड़ रुपए भी कम है. उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा हाथी पालन पर रोक लगा दी गई है लेकिन फिर भी अगर इजाजत लेकर अभी कोई हाथी खरीदना चाहे तो वैसा हाथी आज किसी के पास नहीं होगा. जैसे वह हाथी रखा करते थे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि घोड़े को लेकर के उनका शौक बहुत निराला था.
वह अपने जीवन काल में 400 घोड़े को रख चुके हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश से चुनिंदा घोड़े वह मंगवाते थे. तीन प्रकार के घोड़े होते हैं. जिनको सबसे ज्यादा बढ़िया माना जाता है और वही तीनों नस्ल के घोड़े उनके द्वारा रखे जाते थे. आज भी वर्तमान समय में सत्यदेव राय का ठाठ बहुत ही शानदार माना जाता है. 200 एकड़ की खेती के साथ पंचायत का मुखिया, जिला पार्षद और अन्य कई प्रतिनिधि उनके घर में ही मौजूद हैं.

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें
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