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दक्षिण कोरिया में स्पेस-आउट प्रतियोगिता होती है जिसमें प्रतिभागी 90 मिनट तक स्थिर बैठते हैं. इस साल 4,547 टीमों में से 126 प्रतिभागियों ने क्वालिफाई किया.

साउथ कोरिया के इस कंप्टीशन में बिना कुछ किए ही लोग जीत जाते हैं. (फोटो: Instagram/ranamajid007)
अक्सर घर में बच्चों को माता-पिता टोकते हैं कि वो खाली क्यों बैठे हैं, कुछ काम क्यों नहीं करते! पर क्या आप जानते हैं कि खाली बैठना भी एक काम है और जो इस काम को बखूबी करता है, उसे परस्कार मिल सकता है. दरअसल, दक्षिण कोरिया में एक अनोखी प्रतियोगिता होती है जिसे स्पेस-आउट प्रतियोगिता कहा जाता है. इस कंप्टीशन में भाग लेने वाले कुछ भी नहीं करते, वो चुपचाप, खाली बैठते हैं. इस प्रतियोगिता का 11वां संस्करण 11 मई को सियोल के जाम्सू ब्रिज बनपो हंगंग पार्क में हुआ और एक बार फिर इसमें भाग लेने के लिए काफी लोग शामिल हुए.
द कोरिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की प्रतियोगिता का हिस्सा बनने के लिए लगभग 4,547 टीमों ने आवेदन किया लेकिन केवल 80 टीमों के 126 प्रतिभागियों ने क्वालिफाई किया. इसमें सैनिक, ट्रेन ऑपरेटर, तैराक आदि जैसे लोग शामिल थे. इसका उद्देश्य बिल्कुल सरल है, 90 मिनट तक स्थिर बैठें और ध्यान हटाएं. कोई फोन, कोई बातचीत, कोई सोना नहीं. लोगों के दिल के धड़कने की रफ्तार और दर्शकों द्वारा मिलने वाले वोट के आधार पर विजेता का चयन होता है.
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