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Bihar: बिहार के आरा जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक देवर और भाभी के बीच अवैध संबंध बनाते पति ने रंगे हाथों पकड़ लिया. इसके बाद जो हुआ जान ठोक लेंगे माथा.

देवर संग पकड़ी गई भाभी (image credit-canva)
हाइलाइट्स
- देवर संग पकड़ी गई भाभी
- बैठी पंचायत- मिली अनोखी सजा
- शिव मंदिर में हुई शादी
Bihar: भाभी और देवर के रिश्ते को हमारे देश में काफी इज्जत दिया जाता है, लेकिन भइया बिहार के आरा गांव में तो उल्टा ही हो गया. रानी, एक सुंदर और सीधी-सादी युवती, जिसकी शादी एक साल पहले सोनू से हुई थी. शादी बेहद धूमधाम से हुई थी. सब कुछ एकदम बढ़िया चल रहा था, हंसता-खेलता परिवार. लेकिन जो दिखाई देता है, वो अक्सर हकीकत हो ये जरूरी नहीं होता. चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं.
इस कहानी की शुरुआत कुछ साल पहले होती है. चंदा गांव का 24 साल का दिलीप कुमार, जो बचपन से ही अपने ननिहाल में रहता था. वहीं उसका एक खास रिश्ता बन गया अपने मौसेरे भाई सोनू चौधरी से, जो कि उसका सबसे अच्छा दोस्त भी था. दूसरी तरफ, सोनू की शादी फरवरी 2022 में रानी नाम की लड़की से हुई, जो चरपोखरी थाना क्षेत्र के कोयल गांव की रहने वाली थी.
सोनू ने पकड़ा रंगे हाथों…
शादी में दिलीप भी शामिल हुआ था. उसने न सिर्फ जमकर नाचा, बल्कि शादी में खुशियां भी मनाई. शादी के बाद रानी अपने ससुराल पहुंची, जहां दिलीप का आना-जाना लगा रहा. कुछ महीनों तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन फिर दिलीप और रानी के बीच की नजदीकियां बढ़ने लगीं. जब भी पति सोनू घर पर नहीं होता, दिलीप भाभी के पास पहुंच जाता. दो महीने तक ये सिलसिला चोरी-छिपे चलता रहा, पर हर राज ज्यादा दिन छुपता नहीं. एक दिन, पति सोनू ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ लिया. घर में झगड़ा हुआ, गुस्से का तूफान उठा और अंत में रानी अपने मायके लौट गई. लेकिन दिलीप का आना-जाना कोयल गांव में जारी रहा. वो छिपकर रानी से मिलने आता और हर बार शादी की बात पर चुप्पी साध लेता.
दिलीप फिर आया मिलने
मंगलवार का दिन था, रानी ने फिर से दिलीप को बुलाया. गांव के कुछ लोगों को इस बात की भनक लग गई. लाठी-डंडे लेकर लोग लड़की के घर पहुंचे और दरवाजा खुलवाया. अंदर का नजारा देख सब सन्न रह गए, दोनों एक बार फिर रंगे हाथों पकड़े गए थे. इसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई. सभी बुजुर्ग और समझदार लोग जमा हुए. फैसला हुआ कि अब इन दोनों की शादी कर दी जाए. दिलीप रो पड़ा, बोला मुझे नहीं करनी भाभी से शादी.’ लेकिन अब किसी ने उसकी एक न सुनी. पति सोनू ने भी अपना फैसला सुना दिया ‘रानी मेरे भाई के साथ रहना चाहती है, तो मुझे कोई ऐतराज नहीं. मैं इसे अब नहीं रखूंगा. जहां इसे खुशी मिले, वहीं रहे.’ आखिरकार, गांव के शिव मंदिर में रानी और दिलीप की शादी हिन्दू रीति-रिवाज से करवा दी गई. पंचायत की ओर से रजामंदी का एक पत्र भी बनवाया गया और उसी दिन रानी को उसके ‘नए ससुराल’ विदा कर दिया गया.
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