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सीकर जिले में पति-पत्नी के अटूट प्रेम की कहानी वायरल हो रही है. इस घटना को सुन आसपास के लोग भी हैरान रह गए. आइए जानते हैं कि प्यार की ये लव स्टोरी क्यों वायरल हो रही है.

एक ही चिता पर हुआ दोनों का अंतिम संस्कार
हाइलाइट्स
- पति-पत्नी के अटूट प्रेम की कहानी वायरल हुई.
- पत्नी की मौत सुन पति ने भी प्राण त्याग दिए.
- दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ.
सीकर:- राजस्थान के सीकर जिले में फिल्म जैसा मार्मिक दृश्य देखने को मिला है. पति-पत्नी के प्यार का ऐसा मामला है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जब पति ने पत्नी की मौत की खबर सुनी, तो सदमा नहीं सह सका और प्राण त्याग दिए. पति और पत्नी के अनोखे प्यार का यह मामला सीकर जिले के ज्योतिबानगर ढाणी का है.
दरअसल, बुधवार को 12 बजे प्रेम देवी की मौत हो गई थी. उनकी मौत के समय उनके पति जसवंत सिंह नरूका बाजार में अपनी सब्जी की दुकान पर सब्जी बेच रहे थे. जैसे ही उन्होंने अपनी पत्नी की मौत की खबर सुनी, तो उनकी तबीयत बिगड़ गई. उसके बाद जब उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. दोनों की एक साथ मौत की खबर सुनकर पूरा गांव सदमे में चला गया और पति-पत्नी के एक साथ मौत की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
अटूट प्रेम की अनोखी मिसाल
स्थानीय निवासी राकेश कुमार ने लोकल 18 को बताया कि जसवंत सिंह नरूका और प्रेम देवी की शादी को 50 साल हो गए थे. वे हमेशा दोनों एक साथ ही रहते थे. परिजनों ने बताया कि जब प्रभाती लाल शादी के बाद दूसरे राज्य में रोजगार के लिए चले गए, थोड़े दिनों बाद उनकी पत्नी प्रेम देवी बीमार हो गई थी. तब बिना किसी को बताए अगले ही दिन काम छोड़कर घर आ गए. उसके बाद में विदेशी वापस नहीं गए.
परिजनों ने लोकल 18 को बताया कि दोनों पति-पत्नी के बीच गहरा प्रेम था. वह कभी लड़ाई-झगड़ा नहीं करते थे, हमेशा प्रेम से बाते किया करते थे. वे दोनों अक्सर घर में भी एक साथ ही बैठे रहते थे. कहीं शादी-समारोह या बाजार में भी साथ जाते थे. परिजनों ने बताया कि पति जसवंत सिंह रोजाना अपनी पत्नी के लिए अपने दुकान से फल ले जाकर खिलाया करते थे.
एक ही चिता पर हुआ दोनों का अंतिम संस्कार
शादी के समय जसवंत सिंह नरूका और प्रेम देवी ने एक साथ जीने और एक साथ करने की कसम खाई थी. उसको पूरा करते हुए दोनों ने एक साथ अपने प्राण त्याग दिए. उसके बाद एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. यह अनोखी प्रेम की दास्तां सुनकर और देखकर हर किसी की आंखें नम थी. दोनों की अंतिम संस्कार यात्रा में गांव ही नहीं, बल्कि दूर दराज से भी सैकड़ों लोग आकर शामिल हुए.
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