छत्तीसगढ़ में हुआ चमत्कार, एक घर में खिला दुर्लभ फूल, सिर्फ देखने से बदल जाती है किस्मत

कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक दुर्लभ मामला सामने आया , जहां अग्रोहा मार्ग निवासी अशोक कुमार अग्रवाल के घर में ब्रह्म कमल का फूल खिला है. अशोक अग्रवाल ने 5 वर्ष पूर्व यह पौधा लगाया था, इस वर्ष पौधे में पूरे 9 फूल खिले हैं. सफेद रंग के ये फूल अपनी मनमोहक खुशबू से वातावरण को सुगंधित कर रहे हैं.

अशोक अग्रवाल ने बताया कि उन्हें बागवानी का शौक है और ब्रह्म कमल का पौधा, उन्होंने कई वर्ष पहले घर में लगाया था. एक साथ नौ फूल खिलने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है.

ब्रह्म कमल एक दुर्लभ प्रजाति का फूल है, जो मुख्य रूप से हिमालयी क्षेत्रों में 3000 से 4800 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है. भारत में यह उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कश्मीर में पाया जाता है. उत्तराखंड में इसे \”कौल पद्म\” के नाम से भी जाना जाता है और यह वहां का राजकीय फूल है.

यह फूल जुलाई से सितंबर के मध्य मानसून के दौरान खिलता है और आमतौर पर रात में 4-5 घंटे के लिए ही खिलता है. ब्रह्म कमल के पौधों की ऊंचाई 70 से 80 सेंटीमीटर होती है और यह सामान्य कमल की तरह पानी में नहीं, बल्कि जमीन पर उगता है.

ब्रह्म कमल का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी है. इसे भगवान ब्रह्मा का प्रतिरूप माना जाता है और कुछ लोगों का मानना है कि इसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदें टपकती हैं. इसे भगवान शिव का सबसे प्रिय पुष्प माना जाता है और मान्यता है कि भगवान विष्णु ने शिवजी को ब्रह्म कमल के फूल अर्पित किए थे. बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों में भगवान विष्णु और भगवान शिव को ब्रह्म कमल ही चढ़ाया जाता है.

वास्तु शास्त्र के अनुसार, ब्रह्म कमल का पौधा सुख, सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करता है और व्यक्ति के जीवन में मनोवैज्ञानिक संतुलन बनाए रखता है. इसे बुरी शक्तियों से बचाने वाला भी माना जाता है.

ब्रह्म कमल में कई औषधीय गुण भी होते हैं. इसके फूल, पत्ते, बीज और जड़ें बुखार, घाव, रक्त शोधन, सर्दी-जुकाम और यहां तक कि कैंसर के इलाज में भी सहायक माने जाते हैं. यह लिवर के लिए भी टॉनिक की तरह कार्य करता है.

अपनी दुर्लभता और औषधीय गुणों के कारण, ब्रह्म कमल एक कीमती फूल है और कभी-कभी इसकी एक फूल की कीमत 500 से 1000 रुपये तक हो सकती है.कोरबा में ब्रह्म कमल का खिलना एक दुर्लभ और शुभ संकेत माना जा रहा है.

Related Content

TDP’s Mahanadu 2025 to focus on NDA government’s first-year report and Rayalaseema development

बेजुबान पक्षियों के देवदूत! 150 गांवों में बनाया ऐसा प्लान, इन युवाओं को हरकोई कर रहा सलाम

Academics release draft of People’s Education Policy as an alternative to NEP 2020

Leave a Comment