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पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट स्काई टेलर ने बताया कि इन्फ्लुएंसर्स और मध्यम वर्ग की मांएं फ्लाइट में सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती थीं. 17 साल की नौकरी के बाद उन्होंने मॉडलिंग में करियर शिफ्ट किया.

महिला ने बताया कि फ्लाइट में किस तरह के यात्री सबसे ज्यादा तकलीफ देते थे. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
फ्लाइट में यात्रा करना हर किसी के लिए सुखद अनुभव होता है, पर फ्लाइट अटेंडेंट्स के लिए नहीं होता. उन्हें अलग-अलग मिजाज के यात्रियों से रूबरू होना पड़ता है और सबको शिष्टाचार से जवाब देना पड़ता है. इस वजह से वो अपना गुस्सा दबा लेते हैं. हाल ही में एक पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि नौकरी में रहते वक्त कौन से ऐसे यात्री होते थे, जो उनकी नींद उड़ा देते थे और उनसे डील करने में उन्हें सबसे ज्यादा तकलीफ होती थी.
वर्जिन अटलांटिक की पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट स्काई टेलर ने खुलासा किया है कि उन्होंने जिन यात्रियों के साथ उड़ान भरी, उनमें से कुछ सबसे खराब थे. स्काई ने 17 साल तक एयरलाइन के लिए काम किया, लेकिन कठिन शिफ्ट्स ने उन्हें अनिद्रा का शिकार बना दिया, जिसके बाद उन्होंने करियर शिफ्ट किया. अब उन्हें रोज यूनीफॉर्म पहनने की जरूरत नहीं है. पिछले साल उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि कुछ ऐसे यात्रियों से उनका पाला पड़ा, जिन्हें वो कभी नहीं मिस करतीं.
17 साल एयर होस्टेस रही महिला
स्काई टेलर 49 साल की हैं और अब वो एक मॉडल बन चुकी हैं. उन्होंने डेली स्टार न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा मुश्किल उन्हें इंफ्लुएंसर्स से होती थी, जिनकी वजह से उनका सिर दर्द हो जाता था. उन्होंने बताया, “वो लोग जो इन्फ्लुएंसर टाइप होते हैं, खासकर वो, जिनकी सीट कोई एजेंट अपग्रेट करा देता है, उनसे निपटना काफी मुश्किल होता है. वे खुद को काफी महान और प्रिवलेज्ड समझते हैं. जैसे वो हर चीज के हकदार हैं.
स्काई टेलर 17 साल एयर होस्टेस थीं, अब वो मॉडल बन चुकी हैं. (फोटो: Instagram/skye_taylor_xx)
इंफ्लुएंसर्स से होती थी सबसे ज्यादा परेशानी
उन्होंने कहा कि कई बार बीमार या अपाहिज बच्चों को अपर क्लास में शिफ्ट कर दिया जाता है क्योंकि वो इकोनॉमी क्लास में नहीं सफर कर पाते. ये बात ठीक भी है क्योंकि उन्हें अपर क्लास में बेहतर सुविधाएं मिल जाती हैं मगर इस बात से अपर क्लास में यात्रा करने वाले लोगों को तकलीफ होने लगती है. वो नहीं समझ पाते कि बच्चों को जरूरत है, इस वजह से उन्हें शिफ्ट किया गया है. उन्होंने आगे कहा- “यह इन्फ्लुएंसर्स हैं जो सिर्फ एक चीज के लिए मशहूर हैं और वे कहते हैं ‘मेरे पास इंस्टाग्राम पर 100,000 फॉलोअर्स हैं और मैं कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति हूं.’ इन बातों को लेकर वो झगड़ने लगते हैं और की बार बहुत बुरा बर्ताव करते हैं. वो ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे हर किसी को उन्हें जानना जरूरी है.
बच्चों के साथ यात्रा करने वाली औरतें भी करती थीं नाक में दम
स्काई के लिए अक्सर परेशानी पैदा करने वाले अन्य यात्री मध्यम वर्ग की मांएं होती हैं. वो लोग स्टाफ को अपना बेबी सिटर समझती हैं. स्काई ने कहा कि कई माताएं उन्हें और उनके सहकर्मियों को दाई की तरह ट्रीट करती थीं. कई तो ऐसी होती थीं जो बच्चों को प्लेन की फर्श पर टहलने-घूमने के लिए छोड़ देती थीं. ऐसा अक्सर होता था. जब एयर होस्टेस ऐसा करने से उन्हें रोकती थीं तो वो कहती थीं कि इस तरह बच्चा जल्दी हो जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे यात्रियों से भी समस्या होती थी जो फ्लाइट में बैठने पर डरते थे.
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल… और पढ़ें
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