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पापुआ न्यू गिनी की ऊंची पहाड़ियों में 2.5 फीट लंबाई वाला विशालकाय चूहा मिला है, जिसे सबएल्पाइन वुली रैट कहते हैं. वैज्ञानिक फ्रैंटिसेक वेजमेल्का ने इस चूहे की खोज की.

जंगल में मिला ढाई फीट का चूहा. (फोटो: Frantisek Vejmelka)
जब रेलवे स्टेशनों पर बड़े साइज के चूहे नजर आते हैं तो बहुत हैरानी होती है. किसी जगह पर एक से ज्यादा चूहे दिख जाएं तो लोग वहां जाने से बचते हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी करणी माता के मंदिर गए थे, जहां सैकड़ों चूहे मौजूद हैं. वहां जाने वाले चूहों से बिल्कुल भी नहीं डरते. पर आज हम आपको एक ऐसे दैत्याकार चूहे की बात बताने जा रहे हैं, जो किसी बिल्ली जितना बड़ा है और उसे देखकर कोई भी डर जाएगा. हाल ही में जब ये चूहा मिला, तो वैज्ञानिकों के होश उड़ गए. इस चूहे का साइज ढाई फीट का है और इसके दांत चाकू की धार से भी तेज हैं!
मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार पापुआ न्यू गिनी की ऊंची पहाड़ियों में 2.5 फीट से अधिक लंबाई वाले एक विशालकाय चूहे की प्रजाति पाई गई है. इस चूहे को सबएल्पाइन वुली रैट के नाम से जाना जाता है. इस विशालकाय प्राणी के दांत रेजर की तरह तेज होते हैं, इनके घने बाल होते हैं और इनके नाखूनों का साइज 3 इंच लंबा होता है. डेली मेल के अनुसार पहली बार इनकी फोटो खींची गई है. अविश्वसनीय फुटेज में वुली चूहा अंधेरे में एक पेड़ की शाखा पर दौड़ता हुआ दिखाई देता है, शायद वो अपने अगले भोजन की तलाश में है. आपको बता दें कि ये चूहा पापुआ न्यू गिनी के माउंट विल्हेम की चोटियों में पाया जाता है.
चूहा अपने शिकार की तलाश में नजर आया था. (फोटो: Frantisek Vejmelka)
वैज्ञानिकों को मिला बड़ा चूहा
इस चूहे की खोज का श्रेय फ्रैंटिसेक वेजमेल्का को जाता है, जो चेक अकादमी ऑफ साइंसेज और चेक रिपब्लिक में साउथ बोहेमिया यूनिवर्सिटी के बायोलॉजी सेंटर से एक वैज्ञानिक हैं. उन्होंने कहा- “यह आश्चर्यजनक है कि इतने बड़े जानवर पर इतना कम अध्ययन किया गया है. ट्रॉपिकल पहाड़ों की जैव विविधता के बारे में और काफी कुछ खोजा जाना बाकी है.” इस जीव का साइंटिफिक नाम Mallomys istapantap है. अभी तक इसके पुतले सिर्फ म्यूजियम में रखे जाते थे, जिससे लोगों को इसके बारे में पता चलता था, 1989 में इसके बारे में पूरा विवरण दिया गया था. अब 30 साल से ज्यादा वक्त के बाद इस जीव को देखा गया है.
चूहे के बारे में मिली महत्वपूर्ण जानकारियां
एक विस्तृत छह महीने के फील्ड ट्रिप के दौरान, वेजमेल्का ने कई आदिवासियी कबीलों के साथ मिलकर इस गुप्त प्राणी के प्राकृतिक वातावरण में फोटोग्राफिक और वीडियो सबूत प्राप्त करने में सफलता हासिल की है. शोधकर्ताओं ने माउंट विल्हेम पर लगभग 12,000 फीट ऊंचाई पर कैमरा ट्रैप्स लगाए. कैमरों ने जंगलों और घास के मैदानों के माध्यम से चूहे की गतिविधियों को कैप्चर किया. इस 2.5 फीट लंबाई में उसकी पूंछ शामिल है. जीव का वजन लगभग 2 किलोग्राम है. अध्ययन ने चूहे के आहार, परजीवियों, गतिविधि पैटर्न, और गति पर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र किया, जो लंबे समय से छिपे हुए एक प्रजाति के बारे में मूल्यवान जानकारियां प्रदान करता है. ये रात्रिचर प्राणी एक गुप्त जीवन जीता है, रात में पेड़ों पर चढ़ता है, दिन में बिलों या पेड़ों की चोटियों में छिपता है.
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल… और पढ़ें
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