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अमेरिका की मिचैल ब्लेयर ने अपने दो बच्चों की हत्या कर शवों को डीपफ्रीजर में रखा था. उसे उम्रकैद की सजा मिली है. उसने बच्चों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जो साबित नहीं हुआ.

महिला ने अपने ही दो बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. (फोटो: X/@CrimesReais)
दुर्गा मां की आर्ती, अम्बे तू है जगदम्बे काली…में एक पंक्ति है, जिसका अर्थ बहुत गहरा है, पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता. इसका अर्थ है कि बच्चे भले ही दुष्ट और दुराचारी निकल जाएं, पर मां कभी बुरे आचरण करने वाली या दुराचारी नहीं हो सकती. ये भारतीय संस्कृति को दर्शाने वाली पंक्ति है. मगर विदेशों में ऐसा नहीं हो सकता. वहां तो मां ही अपने बच्चों की इतनी क्रूरता से जान ले लेती है कि सुनकर दिल दहल जाता है. ऐसी ही एक महिला अमेरिका में है, जो फिलहाल जेल में उम्र कैद की सजा काट रही है, मगर उसका इतिहास बहुत बुरा है. उसने अपने ही दो बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. हत्या के लिए गरिफ्तारी से पहले उसने सोशल मीडिया पर लिखा था- “मां होना वरदान है!”
मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार चार बच्चों की मां, मिचैल ब्लेयर (Mitchelle Blair) को अपने दो बच्चों को प्रताड़ित कर मारने के लिए आजीवन कारावास की सजा दिए हुए लगभग 10 साल हो गए हैं. दोनों हत्याओं के बाद उसने शवों को अपने अपार्टमेंट के डीपफ्रीजर में डाल दिया था और उसके बाद सामान्य जीवन जी रही थी. उसने कोर्ट में कहा था कि वो इन अपराधों की दोषी नहीं है और उन राक्षसों की हत्या करने का उसे कोई दुख नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि मरने वाले बच्चों में उसकी 13 साल की बेटी स्टोनी ब्लेयरऔर 9 साल का भाई स्टीफन बेरी थे.
महिला को उम्रकैद की सजा हुई है, अब वो कभी जेल से बाहर नहीं आ पाएगी. (फोटो: X/@martabakismissu, @CrimesReais)
10 साल पहले की थी बच्चों की हत्या
मिचैल ब्लेयर मिशिगन के डेट्रॉइट में एक अपार्टमेंट में रहती थी. वो लंबे वक्त से अपना किराया नहीं चुका रही थी, इस वजह से एक बार उसे घर से निकलने का नोटिस भेजा गया. 24 मार्च 2015 को एक टीम फ्लैट को खाली कराने के लिए पहुंची. तब उन्होंने ब्लेयर के दो बच्चे, स्टोनी और स्टीफन, को लिविंग रूम में रखे एक सफेद फ्रीजर के अंदर मृत देखा. वे कई सालों से उसमें पड़े थे. ब्लेयर ने हत्या की पूरी जिम्मेदारी ली. उसने बताया कि बच्चों की हत्या इस वजह से की क्योंकि उन्होंने सबसे छोटे बेटे का यौन शोषण किया था. हालांकि, ये कभी भी साबित नहीं हो पाया. मां ने ये भी बताया कि उसने बच्चों को शोषण करते नहीं देखा. उसने खुद से पुलिस को नहीं बुलाया बल्कि कानून अपने हाथ में लेते हुए सजा देने का फैसला किया.
बेटा-बेटी की कर दी हत्या
उसने सबसे पहले स्टीफन को प्रताड़ित किया. अगस्त 2012 में जब बच्चा शॉवर में नहा रहा था, तब मां ने उसके गुप्तांग पर गर्म पानी डाल दिया. इसके बाद उसने बच्चे को मुक्का मारा, लात मारी, बेल्ट से गला घोंटा और उसके बाद जबरदस्ती कांच साफ करने वाला एक लिक्विड पिला दिया. इतना ही नहीं, उसने एक भारी बैग बच्चे के सिर पर रख दिया जिसकी वजह से वो बेहोश हो गया. दो हफ्तों तक बच्चे का टॉर्चर चलता रहा, और बाद में उसकी मौत हो गई. महिला ने स्टोनी को लगभग 9 महीने बाद मौत के घाट उतारा. उसने बताया कि लड़की ने एक बार उससे कहा था कि उसे अपने छोटे भाई-बहन नहीं पसंद हैं. बस इस बात से महिला नाराज थी. ब्लेयर ने बेटी का गला टीशर्ट से गोंटा और फिर एक प्लास्टिक बैग उसके मुंह पर डाल दिया. लड़की की मौत के बाद उसके सिर पर नुकीली चीजों से चोट के भी सबूत मिले. स्टोनी को मारने के बाद, उसने अपनी बड़ी बेटी, जो तब 17 साल की थी, को लाश फ्रीजर में रखने पर मजबूर किया था. स्टोनी की लाश को भी स्टीफन की लाश के साथ ही डीपफ्रीजर में उसने डाल दिया था.
पकड़े जाने से पहले फेसबुक पर लिखी हैरान करने वाली बात
मौत से पहले ही वो बच्चों को खूब डराती-धमकाती थी और उन्हें कई मौकों पर घायल भी किया था. कई बार वो जलता हुआ इस्त्री बच्चों को छुआ देती थी. बच्चों की मौत के बाद जब उसे गिरफ्तार करने वाले थे, तो उससे ठीक पहले उसने फेसबुक पर लिखा था- मां होना वरदान है. उसने ट्रायल के दौरान बताया कि उसे मौत का कोई अफसोस नहीं है. उसने बताया कि वो 2013 में स्टोनी को मारने का इरादा बना चुकी थी लेकिन 2012 में स्टीफन की मौत के समय ऐसा करने का इरादा नहीं था, पर उसे करना पड़ा. ब्लेयर के दो अन्य बच्चे भी थे, जिनमें से सबसे छोटे बेटे ने बताया कि उसे कई बार मां कोड़े मारती थी वहीं बहन को हथौड़े से मारा था.जुलाई 2015 में, ब्लेयर को दो बच्चों को मारने के लिए बिना परोल के उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा उसके ऊपर टॉर्चर का भी केस साबित हुआ था. वेन काउंटी सर्किट जज डाना हैथवे ने कहा था कि उसने घर को हॉरर हाउस बना दिया है. रिपोर्ट के अनुसार ब्लेयर अब यप्सिलांटी में वुमेन्स ह्यूरन वैली करेक्शनल फैसिलिटी के अंदर अपनी सजा काट रही है.
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल… और पढ़ें
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