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Education Department Big Mistake: शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षक मनोज कुमार झा का नाम पदोन्नति सूची में शामिल कर दिया. इतना ही नहीं प्रमाण पत्र जांच के लिए उन्हें कार्यालय बुलाया गया है. जिसके बाद से विभाग की खूब क…और पढ़ें

बिहार शिक्षा विभाग की फोटो
हाइलाइट्स
- शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षक का प्रमोशन किया
- मृत शिक्षक को प्रमाण पत्र जांच के लिए बुलाया गया
- पहले भी मृत शिक्षक की एग्जाम ड्यूटी लगाई गई थी
भागलपुर: बिहार का शिक्षा विभाग अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में बना रहता है. इसी कड़ी में भागलपुर शिक्षा विभाग अपनी कारस्तानी की वजह से किरकिरी का पात्र बना हुआ है. दरअसल, विभाग ने एक मृत शिक्षक का नाम पदोन्नति के लिए जारी सूची में शामिल कर दिया है. अब भला मृत व्यक्ति का प्रमोशन कैसे हो सकता है. इतना ही नहीं विभाग ने उन्हें प्रमाण पत्रों की जांच आदि के लिए कार्यालय भी तलब किया है.
मौत के बाद एग्जाम ड्यूटी
जिला शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों की पदोन्नति के लिए सूची व पत्र जारी किया गया है. पत्र में साफ तौर पर यह आदेश दिया गया है कि सूची में जिन शिक्षकों का नाम है वो स्वंय शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में आकर अपने प्रमाण पत्रों की जांच कराएं. विभाग के द्वारा जारी लेटर के अनुसार चौथे नंबर पर शिक्षक मनोज कुमार झा का नाम है. जिनकी मृत्यु इसी वर्ष 22 मार्च को पटना में इलाज के दौरान हो गयी थी. वो कैंसर से ग्रसित थे. इसके बाद उनके परिजनों ने इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को दी थी. इसके बाद भी इनका नाम पदोन्नति की सूची में डाल दिया गया. बता दें कि इनकी मौत के बाद विभाग ने इनकी ड्यूटी परीक्षा में भी लगा दी थी.
जानकारी के बाद भी गलती
इस मामले में मध्य विद्यालय शिव शंकरपुर की प्रधानाध्यापिका स्मृति कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 मार्च 2025 को मनोज कुमार झा की मौत हो गयी थी. हमलोगों को सूचना मिली तो मृत्यु प्रमाण पत्र प्रखंड कार्यालय में जमा कराया. जिसमें बीईओ साबह का साइन भी किया हुआ है. पता नहीं कैसे फिर से इस तरह का लेटर जारी किया गया है. यह तो विभाग का मामला है, किसी तरह से गलती हो गई होगी.
क्या बोले विभाग के अधिकारी
पूरे मामले को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी देवनारायण पंडित ने बताया कि अभी किसी शिक्षक को पदोन्नति की नहीं दी गई है. पदोन्नति के लिए जो सूची आया है, उनसे जांच के लिए प्रमाण पत्र मांगा गया है और शिक्षकों को कार्यलय बुलाया गया है. ऐसे में अगर किसी मृत शिक्षक का नाम शामिल है तो उसे हटा दिया जाएगा.
मृत शिक्षकों से मांगा था स्पष्टीकरण
आपको बता दें कि इसी वर्ष 21 मार्च को जिले में 1,388 शिक्षकों से स्कूल नहीं आने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग कई थी. जिसमें कई ऐसे शिक्षकों के भी नाम शामिल थे, जिनकी मौत पहले ही हो चुकी थी.
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