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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनिक चेहरा टैटू विकसित किया है जो दिमाग की थकान मापता है. यह टैटू वायरलेस और अस्थायी है. खास बात ये है कि यह तुरंत ही दिमाग के संकेतों को पढ़ कर नतीजे दे सकता है. वैज्ञानिकों का क…और पढ़ें

इंसान के चेहरे के लिए ऐसा टैटू बनवाया गया है जो दिमागी संकेतों को पकड़ कर तनाव का पता लगा सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
हाइलाइट्स
- अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दिमाग की थकान मापने वाला टैटू बनाया
- यह टैटू वायरलेस और अस्थायी है
- टैटू ट्रक ड्राइवरों के लिए उपयोगी हो सकता है
इंसान का दिमाग थकता है. वह असीमित समय के लिए काम नहीं कर सकता. पर क्या यह पता लगाया जा सकता है कि काम करते दिमाग कब थक जाता है? वैसे तो यह जानने के लिए कुछ पुरानी तकनीक हैं. पर वे बहुत कारगर नहीं हैं. अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक बनाई है. यह इलेक्ट्रॉनिक चेहरा टैटू है जो माथे पर लगता है. यह दिमाग की थकान को मापता है. यह ट्रक ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों की मदद कर सकता है.
तामझाम की जरूरत नहीं
यह टैटू अस्थायी है. यह वायरलेस है. यह भारी हेडगियर की जरूरत नहीं है. यह दिमाग की विद्युत गतिविधि को मापता है. और सबसे खास बात यह तुरंत नतीजे दे सकता है. इसे इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी (EEG) और इलेक्ट्रोओकुलोग्राफी (EOG) कहते हैं. यह आंखों की गति को भी ट्रैक करता है.
खास हालात में काम करने की जरूरत
टेक्सास यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर नान्शु लू ने इस अध्ययन की अगुवाई की है. उन्होंने कहा, “तकनीक इंसानों से भी अधिक तेजी से विकसित हो रही है. हमारा दिमाग इसका साथ नहीं दे पाता. यह आसानी से थक जाता है.” वे कहती हैं कि इंसान एक संतुलित मानसिक स्थिति में बेहतर काम करते हैं. इसे “गोल्डीलॉक्स ज़ोन” कहते हैं. इसमें न ज्यादा तनाव होता है, न बोरियत. यह संतुलन हर व्यक्ति के लिए अलग होता है.
यह तकनीक खास तौर से ट्रक ड्राइवरों के लिए उपयोगी हो सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
पहले कौन सी तकनीक आती थी काम
पहले मानसिक थकान को मापने के लिए NASA टास्क लोड इंडेक्स का उपयोग होता था. यह एक लंबा सर्वे है. लोग इसे काम के बाद भरते हैं. यह व्यक्तिगत होता है. लेकिन इलेक्ट्रॉनिक टैटू इसे आसान बनाता है. यह टैटू हल्का है. इसमें पतले, स्टिकर जैसे सेंसर हैं. इनमें “लहरदार” लूप और कॉइल हैं. यह त्वचा पर आराम से चिपकता है. यह साफ सिग्नल देता है.
मानसिक थकान के संकेत
प्रोफेसर लू ने कहा, “पारंपरिक EEG कैप सही सिग्नल नहीं दे पाते. हर व्यक्ति का सिर अलग होता है. हम चेहरे की बनावट मापकर टैटू को वैयक्तिक बनाते हैं.” शोधकर्ताओं ने छह लोगों पर इसका परीक्षण किया. इन्हें एक मेमोरी टास्क दिया गया. टास्क की कठिनाई बढ़ती गई. जैसे-जैसे मानसिक भार बढ़ा, थीटा और डेल्टा ब्रेनवेव्स बढ़े. यह दिमाग पर ज्यादा दबाव दिखाता है. अल्फा और बीटा ब्रेनवेव्स कम हुए. यह मानसिक थकान का संकेत था.
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एक खामी भी है
यह अध्ययन डिवाइस जर्नल में छपा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह टैटू दिमाग की थकान का सही अनुमान लगा सकता है. उन्होंने एक कंप्यूटर मॉडल बनाया. यह मॉडल टैटू के सिग्नल से मानसिक थकान को पहचानता है. यह अलग-अलग स्तर की थकान को समझ सकता है. हालांकि, यह टैटू केवल बिना बालों वाली त्वचा पर काम करता है. शोधकर्ता अब इसे इंक-आधारित सेंसर के साथ जोड़ रहे हैं. यह बालों वाली त्वचा पर भी काम करेगा. इससे पूरे सिर की निगरानी हो सकेगी.
पारंपरिक EEG उपकरण की कीमत 15,000 अमेरिकी डॉलर यानी 13 लाख रुपये तक हो सकते हैं. लेकिन इस टैटू का बैटरी पैक और चिप 200 डॉलर यानी 17 हजार रुपये का है. इसके डिस्पोजेबल सेंसर 20 डॉलर या1700 रुपये के हैं. प्रोफेसर लुइस सेंटिस ने कहा, “यह सस्ता है. इससे यह तकनीक सबके लिए सुलभ हो सकती है. मेरा सपना है कि इसे घर पर इस्तेमाल किया जाए.”

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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