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यूरेनस पर इंसान बच नहीं सकता है. वह केवल 5 सेकंड में ही मर जाएगा. उसका शरीर हीरे में बदल जाएगा. यूरेनस का वातावरण जहरीला, बर्फीला और मीथेन से भरा है. यहां हवा 900 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है. यहां पहुंच कर इ…और पढ़ें

यूरेनस ग्रह पर इंसान पहुंचने पर उसकी हालत बहुत ही बदतर हो जाएगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: NASA_JPL-Caltech)
हाइलाइट्स
- यूरेनस पर इंसान 5 सेकंड में मर जाएगा
- यूरेनस का वातावरण जहरीला और बर्फीला है
- यूरेनस पर हवा 900 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है
इंसान सदियों से यह सोचता आ रहा है कि दूसरे ग्रह पर जाने पर उसे कैसा लगेगा. या वहां पहुंचने पर उसका क्या हाल होगा? सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा जितने भी ग्रह हैं, हर ग्रह पूरी तरह से अलग है. कोई ग्रह गर्म भट्टी है तो कई बर्फ से भी कई गुना ठंडा इलाका, वहीं कोई ग्रह बिना जमीन का लेकिन बहुत ही ज्यादा दबाव वाला गैसीय ग्रह है तो कई दिन में लावा सा गर्म औररात में बर्फ से सैकड़ों गुना ज्यादा ठंडा. ऐसे में यूरेनस ग्रह पर इंसान का क्या होगा. हाल ही यूट्यूब पर एक वीडियो चर्चित हुआ है जिसमें बताया गया है कि यूरेनस पर जाते ही इंसान पांच सेंकेंड में मर जाएगा और उसके शरीर आखिरकार हीरे में बदल जाएगा.
यूरेनस भी है नीला ग्रह
सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा किसी भी ग्रह में जीवन नहीं हैं. लेकिन पृथ्वी ही अकेला नीला ग्रह नहीं हैं. यूरेनस भी नीला ग्रह है. लेकिन वह बहुत ही जहरीला ग्रह है. इसका वातावरण बर्फीला है. जिसमें हाइड्रोजन सल्फाइड, हीलियम और मीथेन भरे पड़े हैं. इतना ही नहीं शनि और बृहस्पति की तरह इसकी भी सतह नहीं है. यानी यह भी एक गैसीय ग्रह है. इसके अलावा यह बहुत ही बदबूदार ग्रह भी होगा.
फिर क्या होगा यूरेनस पर?
तो क्या होगा अगर इंसान यूरेनस पर पहुंच जाए? बेशक वह नहीं बच सकता है. यूट्यूब पर चर्चित एक वीडियो मे दिखाया गया है कि क्या होगा जब कोई इंसान यूरेनस पर किसी तरह से पहुंच जाएगा. वीडियो में दावा किया गया है कि इंसान 5 सेंकंड से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाएगा.
यूरेनस के वायुमंडल में 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तूफान चलते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)
नहीं होगी टकराने की समस्या
चूंकि यूरेनस ग्रह पर कोई सतह नहीं है, इंसान को वहां टकराने की समस्या नहीं होगी. बस आप हीरों के तूफानों में खुद को फंसा पाएंगे जिसमें हवा 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही होगी. यह पांचवी श्रेणी के हरिकेन तूफान से साढ़ेतीन गुना ज्यादा ताकतवर तूफान होगा.
मीथेन की भरमार
यूरेनस पूरा नीला नहीं दिखता है. वह हरा रंग लिए हुए नीला दिखाई देता है और इसकी वजह है यहां मीथेन की अधिकता. लेकिन इस मीथेन पर बहुत ही ज्यादा दबाव होता है और इसी वजह से ये मीथेन हीरे में बदलती रहती है. लेकिन यूरेनस के पास पहुंचने के बाद भी इसके अंदर जाना आसान नहीं है.
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हवा से गिरने से तैरने तक
पहले आपको 13 धूल भरे छल्लों से गुजरना होगा. इन्हें पार करने के बाद ही आप यूरेनस के पास पहुंच जाएंगे जहांतापमान -224 डिग्री सेल्सियस होगा. आप पहले हाइड्रोजन सल्फाइड के बादलों से घिर जाएंगे और अगर आपने इसकी सांस ले ली तो तुरंत ही जान जाना निश्चित है. इसके बाद आप 82 फीसदी हाइड्रोजन और 15 फीसदी हीलियम के मिश्रण में आ जाएगे. जल्दी आप गिरना बंद कर देंगे और आप तैरने लगेंगे. इस बीच हीरे की बारिश का सामना करने की भी उम्मीद है.
पर चिंता मत कीजिए. इतने बुरे हालात झेलने नहीं पड़ेंगें क्योंकि दबाव और जहर से तो आप पहले ही मर चुके हैं. पर फिर भी अगर किसी तरह से यहां बचते हुए पहुंच गए तो यूरेनस के मेंटल में आप खुद को हिला भी नहीं पाएंगे क्योंकि अब तक आप पानी अमोनिया और मीथेन की बर्फ से घिर चुके होंगे. यहां पृथ्वी के वायुमंडलीय दबाव से 100 गुना अधिक दबाव होगा. यहां तक आप पूरी तरह से निचुड़ चुके होंगे औरआपका बचा खुचा कार्बन हीरे में बदल चुका होगा.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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