ऑफिस में सीनियर मैनेजर ने सहकर्मी को किया किस, कंपनी ने नौकरी से निकाला, कोर्ट में जाकर जीत गया केस!

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चीन के क़िंगदाओ में लिन नामक मैनेजर को 2015 में सहकर्मी को किस करने पर बर्खास्त किया गया था. कोर्ट ने 2017 में उसे बहाल कर कंपनी की बर्खास्तगी को अवैध ठहराया.

ऑफिस में सीनियर मैनेजर ने सहकर्मी को किया किस, कंपनी ने नौकरी से निकाला, फिर..

सीनियर मैनेजर ने सहकर्मी को ऑफिस में किस कर लिया तो बवाल हो गया. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

ऑफिस का एक डेकोरम होता है, यानी वहां पेश आने का तरीका, जिसके तहते ही कर्मचारियों को अपना आचरण रखना पड़ता है. मगर कुछ लोग ऑफिस को भी अपना पर्सनल स्पेस मान लेते हैं. वो निजी चीजें ऑफिस में ही शुरू कर देते हैं, जिसकी वजह से मुसीबत में पड़ जाते हैं. एक शख्स के साथ भी ऐसा ही हुआ जिसने ऑफिस में ही अपनी सहकर्मी को किस कर लिया. इसके बाद कंपनी ने उसे नौकरी से निकाल दिया. शख्स ने कंपनी के फैसले के खिलाफ कोर्ट में केस किया और उसकी किस्मत अच्छी थी कि वो केस जीत भी गया.

चीन के क़िंगदाओ शहर में एक लिन नाम के सीनियर मैनेजर को 2015 में ऑफिस में एक महिला सहकर्मी को किस करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था. हालांकि, अदालत ने 2017 में उसे बहाल कर दिया और कंपनी को उसकी बर्खास्तगी को अवैध ठहराया. यह मामला चीनी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना. लिन, जो एक विदेशी शिपिंग कंपनी में प्रोडक्शन सुपरवाइज़र के रूप में कार्यरत थे, को मई 2015 में बर्खास्त किया गया. कंपनी का आरोप था कि उन्होंने एक महिला सहकर्मी, जिनका उपनाम शी था, के साथ ऑफिस में सीढ़ियों पर गले मिलकर किस किया. कंपनी ने इसे कार्यस्थल पर अनुशासनहीनता और कंपनी की आचार संहिता का उल्लंघन माना.

कोर्ट ने सुनाया उनके पक्ष में फैसला
लिन ने कंपनी के आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उनका और शी का रिश्ता सहमति पर आधारित था. उन्होंने कंपनी के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया, जिसमें उन्होंने अपनी बहाली और बर्खास्तगी की अवधि के लिए मुआवजा मांगा. क़िंगदाओ की निचली अदालत ने लिन के खिलाफ फैसला सुनाया, यह मानते हुए कि उनका व्यवहार कंपनी की आचार संहिता का उल्लंघन था. हालांकि, लिन ने इस फैसले के खिलाफ अपील की. अदालत ने पाया कि कंपनी लिन के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाई कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया या शी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया. इसके अलावा, कंपनी की आचार संहिता में उच्च नैतिक मानकों का पालन करने की अपेक्षा की गई थी, लेकिन यह कोई बाध्यकारी नियम नहीं था. 2017 में उच्च न्यायालय ने लिन के पक्ष में फैसला सुनाया. अदालत ने कंपनी की बर्खास्तगी को अवैध ठहराया और कंपनी को आदेश दिया कि वह लिन को बहाल करे और बर्खास्तगी की अवधि के लिए मुआवजा प्रदान करे.

लिन को दिया गया मुआवजा
लिन का वार्षिक वेतन 1.13 मिलियन युआन (लगभग 1,57,000 अमेरिकी डॉलर) था, जिसके आधार पर मुआवजा निर्धारित किया गया. इस मामले ने चीनी सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया. कई लोगों ने अदालत के फैसले का समर्थन किया, जबकि कुछ ने इसे कार्यस्थल पर अनुशासनहीनता के प्रति उदासीनता माना. एक उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, “इस मामले ने हमें यह सिखाया कि हमें कानून को बेहतर समझना चाहिए ताकि हम अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें.”

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Ashutosh Asthana

आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें

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