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लिसा ब्लिस, न्यूयॉर्क की महिला, 10 साल की उम्र में बर्फीली नदी में गिरकर 30 मिनट तक बेहोश रहीं. उन्होंने आत्मा की अद्भुत यात्रा का अनुभव किया और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर चुना.

महिला जब 10 साल की थी तब वो नदी में डूब गई थी और करीब 30 मिनट तक वो मृत हो गई थी. (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
मरने के बाद क्या होता है? ये सवाल तो हर किसी को परेशान करता है, मगर इसका उत्तर किसी के पास नहीं है. दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें नियम डेथ एक्सपीरियंस हुए हैं, यानी वो मौत के मुंह में जाकर लौट आए. ऐसे लोगों ने अपने अनुभवों को खुलकर बताया है. एक अमेरिकी महिला ने भी अपने इस अनुभव के बारे में बताया. जब वो 10 साल की थीं, तब करीब 30 मिनट के लिए उनके प्राण शरीर छोड़ चुके थे. उन्हें ऐसा लगा जैसे उनकी आत्मा एक अलग दुनिया में पहुंच गई है. इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.
लिसा ब्लिस, एक न्यूयॉर्क की रहने वाली महिला, जब मात्र 10 वर्ष की थीं, तो एक खौ़फनाक हादसे का शिकार हुईं. अपने दादा-दादी के केबिन के पास खेलते समय वह एक बर्फीली नदी में गिर गईं और लगभग 30 मिनट तक बेहोश रहीं. हालांकि, उनका शरीर जीवित नहीं था, लेकिन उनका आत्मा एक अद्भुत यात्रा पर निकल पड़ी. लिसा बताती हैं कि जब उनका शरीर नदी में पड़ा था, तो उनकी आत्मा एक सुंदर और रंग-बिरंगे फूलों से सजे रास्ते पर चल रही थी. उन्होंने महसूस किया कि हर फूल के पंखुड़ी में गहरे रंग की परतें हैं, जैसे वह उन रंगों में समा सकती हैं. यह अनुभव उन्हें एक आकर्षक और शांतिपूर्ण जगह पर ले गया, जहां एक विशाल द्वार दिखाई दिया. लिसा ने तुरंत समझ लिया कि यह वही ‘पर्ली गेट्स’ हैं, जिनके बारे में उन्होंने चर्च में सुना था.
महिला ने अब अपने नियर डेथ एक्सपीरियंस के बारे में बात की. (फोटो: Prioritize Your Life/Youtube)
द्वार पर खड़ा एक रहस्यमय व्यक्ति
द्वार के सामने एक व्यक्ति खड़ा था. लिसा ने महसूस किया कि वह व्यक्ति कोई अजनबी नहीं है, बल्कि वह भगवान हैं. उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति का चेहरा स्पष्ट नहीं था, लेकिन उनकी उपस्थिति से उन्हें शांति और सुरक्षा का अहसास हुआ. लिसा ने उस द्वार की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही वह द्वार के पास पहुंचीं, उन्हें एक अदृश्य शक्ति ने वापस खींच लिया. सभी रंग और शांति गायब हो गई. लिसा ने महसूस किया कि उनकी आत्मा अपने शरीर में वापस लौट रही है, और यह अनुभव अत्यंत कष्टकारी था.
दोबारा जीवन की ओर
लिसा ने होश में आने पर पाया कि वह नदी के किनारे ठंडी चट्टानों पर पड़ी हैं. उनकी चचेरी बहन ने उन्हें बाहर निकाला और लगभग आधे घंटे तक बेहोश रहने के बाद उन्हें होश में लाया. परिवार का मानना था कि अत्यधिक ठंडे पानी के कारण उनका मस्तिष्क संरक्षित रहा और उन्हें कोई स्थायी क्षति नहीं हुई. लिसा ने बताया कि होश में आने के बाद उन्हें अपने शरीर में भारीपन और अवसाद का अहसास हुआ. यह अनुभव उनके लिए अत्यंत कठिन था, और उन्होंने महसूस किया कि वह जिस शांति और प्रेम का अनुभव कर रही थीं, वह अब नहीं था.
एक नई दिशा की ओर
लिसा ने इस अनुभव के बाद मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया. उन्होंने दूसरों को मृत्यु और उसके बाद के जीवन के बारे में समझाने और सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सक बनने का मार्ग चुना.लिसा ब्लिस की यह कहानी न केवल नीयर डेथ एक्सपीरियंस की है, बल्कि यह जीवन, मृत्यु और आत्मा के अस्तित्व के बारे में गहरे सवाल उठाती है. उनका अनुभव यह दर्शाता है कि मृत्यु के बाद भी कुछ ऐसा है जो हमें शांति और प्रेम का अहसास कराता है.
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल… और पढ़ें
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