दुनिया में रीबॉर्न डॉल का बहुत क्रेज़ है. जहां कुछ महिलाओं के लिए यह एक बहुत बढिया इलाज साबित हुआ है. ऐसी महिलाओं ने या तो अपना बच्चा खोया है या फिर वे कभी मां नहीं बन सकती हैं. लेकिन बहुत सी महिलाएं, और इनका शौक रखने वाली भी, इन्हें अपने पास लंबे समय तक तो रखती ही हैं. उन्हें पूरी तरह से जिंदा इंसान की तरह बर्ताव करने लगती हैं. ऐसे डॉल्स को लेकर ब्राजील में एक अनोखा विवाद सुर्खियों में है. इनको लेकर बहस अब देश की संसद तक पहुंच गई है क्योंकि इनसे संबंधित कानून भी बनाने की पैरवी की जा रही है.
बिलकुल असली लगती हैं ये डॉल!
हाइपर-रियलिस्टिक डॉल्स, जिन्हें “रिबॉर्न डॉल” कहा जाता है, ने ब्राजील में हलचल मचा दी है. ये गुड़िया इतनी वास्तविक दिखती हैं कि लोग इन्हें असली बच्चे समझ लेते हैं. कुछ लोग इन डॉल्स को असली बच्चों की तरह पालते हैं. यह चलन अब सोशल मीडिया से लेकर संसद तक पहुंच गया है.
मनोरंजन या पागलपन?
साओ पाउलो में हाल ही में ‘रिबॉर्न मॉम्स’ का एक समूह विला लोबोस पार्क में इकट्ठा हुआ. यह उनका 10वां सालाना मिलन समाहोह था. इन डॉल्स के साथ लोग भावनात्मक पल साझा करते हैं. इन्फ्लूएंसर्स इनके साथ जन्म सिमुलेशन और मॉल में सैर जैसे वीडियो बनाते हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. कुछ लोग इसे मनोरंजन मानते हैं, तो कुछ इसे पागलपन कहते हैं.
रीबॉर्न डॉल की बहस ब्राजील की संसद तक पहुंच गई है जहां सासंद बंटे हुए दिख रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
इनको लेकर बन रहे कानून
इस विवाद ने ब्राजील की संसद पर भी असर डाला है. रियो डी जनेरियो में शहर परिषद ने इन डॉल्स को बनाने वालों को सम्मानित करने वाला एक बिल पास किया है. यह बिल अब मेयर एडुआर्डो पेस की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. लेकिन कुछ सांसद इसके खिलाफ हैं. अमेजनस के सांसद जोआओ लुइज ने इन डॉल्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में इलाज से प्रतिबंधित करने की घोषणा की.
छिड़ी हुई है सांसदों में बहस
लुइज ने संसद में एक डॉल्स लाकर इस मुद्दे को उठाया. हालांकि, स्थानीय मीडिया के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसे किसी मामले की पुष्टि नहीं की. कांग्रेसवुमन तालिरिया पेट्रोन इस बहस से नाराज हैं. उन्होंने कहा, “हमें असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए. अगर कोई डॉल्स रखना चाहता है, तो उसे रखने दें. लेकिन यह बहस समय की बर्बादी है.”
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क्या होती है ऐसी डॉल्स की कीमत?
‘रिबॉर्न’ गुड़ियाएं सिलिकॉन या विनाइल से बनती हैं. इनमें नाखून, पलकें, नसें और यहां तक कि आंसू भी दिखते हैं. कुछ गुड़ियाएं रोती हैं और डमी चूसती हैं. इनकी कीमत 700 रियास (लगभग 124 डॉलर या करीब 10 हजार रुपये) से लेकर 10,000 रियास (लगभग 1,800 डॉलर या एक लाख 54 हज़ार रुपये) तक हो सकती है.
कई लोग इन डॉल्स को दुख से उबरने के लिए इस्तेमाल करते हैं. कुछ लोग इन्हें parenting प्रैक्टिस के लिए खरीदते हैं. लेकिन कुछ लोग इन डॉल्स को गलत इस्तेमाल करते हैं. एक वीडियो में एक महिला ने अपनी रिबॉर्न गुड़िया को अस्पताल ले जाकर इलाज की मांग की थी. इस घटना ने कई सांसदों को नाराज किया. कुछ सांसद चाहते हैं कि ऐसे लोगों पर जुर्माना लगे. दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि इन डॉल्स को रखने वालों को मनोवैज्ञानिक मदद की जरूरत है.
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