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वैज्ञानिकों ने डीएनए की स्टडी कर इंसानों और खटमल के बीच संबंधो का दिलचस्प इतिहास खोजा है. उन्होंने पता लगाया है कि खटमल सबसे पहले इंसानों से कब जुड़े थे और कब उनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ था. उन्होंने यह भ…और पढ़ें

हैरानी की बात है कि वैज्ञानिकों ने यह तक पता लगा लिया कि खटमल कब मानव के साथ आए और कब तेजी से बढ़े थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
हाइलाइट्स
- वैज्ञानिकों ने डीएनए स्टडी से खटमल और इंसानों का इतिहास खोजा
- खटमल पहले चमगादड़ों के साथ रहते थे, फिर इंसानों से जुड़े
- 50,000 साल से खटमल और इंसानों का गहरा संबंध रहा है
इंसान के पूर्वजों को जंगल के कई जानवरों से बहुत खतरा हुआ करता था. उनके दौर के जानवर एक तो खतरनाक भी बहुत हुआ करते थे. लेकिन क्या आपका इस बात पर ध्यान गया है कि उस दौर में छोटे कीड़े मकोड़े इंसानों का परेशान करते होंगे? उस दौर में किस तरह की कीट ऐसे थे जो इंसानों को तंग किया करता थे? एक अनूठी रिसर्च में वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब खोजा है जिसमें उन्होंने डीएनए की मदद ली है.
पाषाण युग में भी थे खटमल
शोधकर्ताओं का कहना है कि पाषाण युग के लोगों के पास दांतेदार बाघों से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक दुश्मन थे. और ये कुछ और नहीं बल्कि आज बिस्तरों में पाए जाने वाले खटमल थे. .उनकी पहली बस्तियाँ खून चूसने वाले कीड़ों से भरी हुई होंगी. उनकी दलील है कि जब इंसान गुफाओं से बाहर निकले तो कीड़ों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ, जिससे वे पहले घरेलू कीट बन गए.
खटमल और इंसानों का पुराना रिश्ता
अमेरिका में वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी की टीम के अध्ययन में, डीएनए विश्लेषण का उपयोग करके आज घरों में पाई जाने वाली प्रजातियों का पता लगाया गया जो गुफाओं में रहने वालों को खाती थीं. पाया गया कि सिमेक्स लेक्टुलरियस का इंसानों के साथ 50,000 सालों से “गहरा संबंध” रहा है.
खटमल केवल इंसानों के साथ ही तेजी से बढ़ हैं. जबकि चमगादड़ों के साथ वे खत्म होते गए. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
पहले चमगादड़ के साथ रहते थे कीड़े
ऐसा नहीं है कि इस तरह के कीड़े केवल इंसान क साथ ही रहा करते थे. बल्कि हकीकत तो ये है कि इंसानों से जुड़ने से पहले वे किसी और जानवर के साथ रहा करते थे. अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है कि कीड़े पहले चमगादड़ों पर रहते थे, उसके बाद कुछ गुफाओं में रहने वाले पाषाण युग के मनुष्यों पर चले गए.
तेजी से आबादी बढ़ने का संयोग
उस समय भी उनकी आबादी ज्यादा नहीं बढ़ी थी. उनकी आबादी केवल 13,000 साल पहले ही बढ़ी जब लोगों ने गुफाओं में रहना छोड़ दिया था. उसी समय उन्होंने खेती करना और बस्तियाँ बनाना शुरू कर दिया था. जबकि इसकी संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई. पर वहीं चमगादड़ खटमल की प्रजातियाँ कम होती गईं.
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इंसानों के साथ हुई बढ़ोत्तरी
शोधकर्ता डॉ. लिंड्सडे माइल्स ने बताया “दोनों की आबादी में सामान्य गिरावट देखी गई जो पिछले हिमयुग के दौर से मेल खाती है. दिलचस्प बात ये है कि चमगादड़ से जुड़ी वंशावली कभी वापस नहीं लौटी और यह अब भी आकार में घट रही है. वहीं दूसरी तरफ रोमांचक बात यह है कि मानव से जुड़ी वंशावली फिर से उभरी और उनकी आबादी में वृद्धि हुई.”
यह सारी जानकारी डीएनए विश्लेषण के जरिए हो सकी. शोधकर्ताओं का कहना है कि खटमल या बेडबग्स, जो फर्नीचर में रहते हैं और खून पीने के लिए काटते हैं. पर कम लोग जानते हैं कि वे घरेलू कीटों के रूप में चूहों और यहाँ तक कि तिलचट्टों का भी शिकार करते हैं. चूहे 2,000 साल पहले घरों में आए थे और तिलचट्टे 5,000 साल पहले इंसानों के घरों में घुसे थे. खटमल का इंसानों के साथ संबंध का इतिहास वाकई रोचक ही है.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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