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ओहियो के नौ साल के ओलिवर ने अपनी प्रेग्नेंट मां निक्की की जान बचाई जब उन्हें दौरा पड़ा. उसने दादी और पुलिस को फोन कर मदद मांगी. समय पर मदद मिलने से मां को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सका और अब मां के साथ नवजात बच…और पढ़ें

बच्चे के प्रेग्नेंट मां बाथरूम में गिर कर बेहोश हो गई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
हाइलाइट्स
- 9 साल के ओलिवर ने प्रेग्नेंट मां की जान बचाई
- मां को दौरा पड़ने पर दादी और पुलिस को फोन किया
- समय पर मदद मिलने से मां और नवजात बच्ची सुरक्षित
आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत किसी को भी, कभी भी पड़ सकती है. उस समय में मदद की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. यही वजह है कि सुनसान जगह और यहां तक कि खाली घर में अकेले रहना भी कभी कभी परेशान का कारण बन जाता है क्योंकि ऐसे में आपातकालीन मदद नहीं मिल पाती है. अक्सर देखा जाता है कि घरेलू महिलाएं घर में अकेली होती हैं और उन्हें आपातकालीन मदद इसी लिए बहुत मुश्किल से मिलती है. पर एक नौ साल के बच्चे ने अपनी प्रेग्नेंट मां के साथ ऐसा नहीं होने दिया. मां को दौरा पड़ने पर बच्चे ने समझदारी दिखाते हुए उसकी जान बचाली और वह हीरो बन गया.
घर पहुंचते हुए सुनी अजीब सी आवाज़
अमेरिका के ओहियो में ओलिवर वेयर स्कूल से लौटा ही था. उससे पहले उसकी प्रेग्नेंट मां घर पर अकेली थी. घर पहुंचने के बाद अचानक ओलिवर ने किसी के गिरने की आवाज सुनी. आवाज बाथरूम से आ रही थी. वह तुरंत ही बाथरूम की ओर दौड़ा और उसने देखा कि उसकी मां निक्की, फर्श पर बेहोश सी पड़ी है और दौरे की वजह से छटपटा रही है.
दिल दहला देने वाला था वहां का नज़ारा
तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले ओलिवर के लिए यह नज़ारा दिल दहला देने वाला था. वह मां को जोर जोर से पुकार रहा था. पहले उसने दादी को फोन लगा कर जानकरी दी और उसके बाद उसने तुरंत ही पुलिस को फोन लगाया. उस समय उसे पिता काम पर गए हुए थे. फोन पर ओलिवर ने ऑपरेटर से कहा, “मेरी मां बाथरूम में थी और वह अभी अभी बेहोश हो गई है. मुझे आपकी मदद चाहिए.”
समय पर चिकित्सा मदद मिलने पर ओलिवर की मां की जान बच गई और सुरक्षित प्रसव हो पाया. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
ओलिवर को सही समय पर मिल गई मदद
यहां ऑपरेटर ने ओलिवर को दिशा निर्देश दिए जिससे वह पता लगा सके कि क्या उसकी मां की सांसे चल रही हैं. इसके बाद उसने ओलिवर को मां के पास ही रहने को कहा जब तक कि चिकित्सकीय मदद ना पहुंच जाए. ओलिवर ने बताया कि वह ज्यादातर यही सोचता रहा कि वह मां को जगाने के लिए कुछ भी करेगा.
रंग लाई ओलिवर की समझदारी, मिल गई बहन
आखिरकार पैरामेडिक्स ओलिवर के घर पर पहुंची और उसकी मां को तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया है जहां कुछ घंटोंके बाद उसने एक बच्ची राइली को जन्म दिया. नर्स ने बताया कि ऐसे हालात में समय एक बहुत अहम कारक होता है. अगर मां को दौरे आते रहते तो उससे बच्ची को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाती, जो मां और बच्ची दोनों के लिए ही खतरनाक हो सकता है. इसलिए यहां समय बहुत अहम साबित हुआ.
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ओलिवर के पिता जेफ को अपने बेटे पर गर्व है कि उसने हीरो की तरह मां की मदद की और समय रहते समझदारी से काम करते मदद मांग ली. आमतौर पर ऐसी हालत में बच्चे घबरा जाते हैं और उन्होंने कुछ समझ में नहीं आता है कि क्या करें. लेकिन ओलिवर ने घबराहट को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया और समझदारी दिखाते हुए सही जगह फोन कर दिया. ओलिवर की कहानी बताती है कि बच्चों को ऐसे काम की छोटी छोटी बातें सिखाना कितना जरूरी है.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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