Boss fired for kissing subordinate: ‘किस’ के चक्कर में फंस गया बॉस, कोर्ट पहुंचा मामला, दिलचस्प था जज का फैसला!

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Boss fired for kissing subordinate: ऑफिस रोमांस के किस्से तो आपने सुने होंगे लेकिन ये मामला बिल्कुल अनोखा है. यहां पर एक बॉस को अपनी सहकर्मी को किस करने की वजह से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ गए. फिर जो हुआ, …और पढ़ें

'किस' के चक्कर में फंस गया बॉस, कोर्ट पहुंचा मामला, दिलचस्प था जज का फैसला!

एक किस के चक्कर में जाना पड़ा कोर्ट.

चीन के शेडोंग प्रांत के किंगदाओ में एक ऐसी कहानी सामने आई, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों को चर्चा का टॉपिक दे दिया. ये कहानी है लिन की, जो एक विदेशी शिपिंग कंपनी में सीनियर मैनेजर था और एक घटना ने उसकी पूरी जिंदगी ही बदल दी. वो अपने ही दफ्तर की एक लड़की के प्यार मे था और उन दोनों के एक किस ने लिन को कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसा दिया.

लिन नाम के शख्स को साल 2015 में एक ऐसी घटना के लिए नौकरी से निकाल दिया गया, जिसके बारे में उसने सोचा भी नहीं था. लिन पर आरोप था कि उन्होंने शी नाम की एक साथ काम करने वाली लड़की को दफ्तर में किस किया था. कंपनी ने इसे अनुशासनहीनता और नैतिकता का उल्लंघन मानते हुए लिन को नौकरी से निकाल दिया.

कोर्ट पहुंच गया कर्मचारी

लिन ने हार नहीं मानी और इस फैसले को चुनौती देने के लिए किंगदाओ ने अदालत में मुकदमा ठोक दिया. पहली सुनवाई में अदालत ने कंपनी के पक्ष में यह कहते हुए फैसला सुनाया कि लिन का व्यवहार अनुचित था और कंपनी के नियमों के खिलाफ था. इस फैसले पर भी लिन संतुष्ट नहीं था और उसने एक बार फिर से उच्च न्यायालय में अपील की.

हाई कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला

जब मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय में हुई, तो मामले में नया मोड़ आ गया. अदालत में कंपनी यह साबित नहीं कर सकी कि लिन ने अपने पद का दुरुपयोग किया या कोई पर्सनल फायदा उठाया. इस मामले में लड़की से बात भी की गई, जिसने बताया कि उनके बीच जो भी हुआ, उसमें कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं थी.अदालत ने माना कि कंपनी ने जिस नैतिक और व्यापारिक मानक की बात की थी, वो कोई बाध्यकारी नियम नहीं बल्कि सिर्फ प्रिंसिपल थे. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों के व्यवहार को सिर्फ नैतिकता के आधार पर बर्खास्तगी का कारण नहीं बनाया जा सकता.

कंपनी में दिलाई फिर से नौकरी

फरवरी 2017 में, उच्च न्यायालय ने अंतिम फैसला सुनाया. इसमें कंपनी को आदेश दिया गया कि वह लिन को उनकी नौकरी पर वापस ले और नौकरी से हटाने की तारीख से अब तक की अवधि का सारा वेतन भी दे. इस तरह से उसे 1.13 मिलियन युआन यानि 13,407,973 रुपये दे.

इस फैसले ने चीनी सोशल मीडिया को चर्चा का नया मुद्दा दे दिया. कुछ लोगों ने इसे कर्मचारियों के अधिकारों की जीत के रूप में देखा तो वहीं कुछ लोगों ने इस पर नाराज़गी भी जताई. उनका कहना था कि ये सार्वजनिक रूप से नैतिकता के खिलाफ व्यवहार था, जिस पर सज़ा मिलनी चाहिए थी.

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Prateeti Pandey

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें

News18 में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा… और पढ़ें

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