A 15-year-old child got a headache at school But real reason was far worse- ब्रेन ट्यूमर से जूझते कैलम स्टोन: परिवार की उम्मीदें और संघर्ष

सोचिए, कैसा लगेगा जब आपका हंसता खेलता बच्चा अचानक बीमार पड़ जाए? वो भी तब, जिसे आप शुरू में मामूली बीमारी समझते हैं, असल में उसकी सच्चाई मौत का रास्ता दिखलाती हो? यकीनन, किसी भी मां-बाप का कलेजा कांप उठेगा. ऐसा ही एक मामला यूनाइटेड किंगडम के चेम्सफिल्ड (Chelmsford) में सामने आया. वहां के रहने वाले 15 साल के कैलम स्टोन (Callum Stone) का एक दिन स्कूल में सिरदर्द होने लगा. बच्चे को लेने के लिए घर वाले स्कूल पहुंचे. उन्हें लगा कि ये कोई छोटी-मोटी बीमारी होगी, लेकिन उन्होंने देखा कि बच्चा बोल भी नहीं पा रहा है. ऐसे में मां-बाप उस बच्चे को लेकर हॉस्पिटल में दिखाने पहुंचे. वहां पर उन्हें ऐसे सच का पता चला, जिससे उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. ये सिरदर्द कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं थी, बल्कि एक ब्रेन ट्यूमर की तरह दुर्लभ कैंसर था, जिसका ऑपरेशन भी मुमकिन नहीं. कैलम, जो चेम्सफिल्ड, एसेक्स (Chelmsford, Essex) में अपनी मां सारा फेरिस (Sarah Ferris), सौतेले पिता मार्क फेरिस (Mark Ferris) और छोटे भाई विलियम स्टोन (William Stone) के साथ रहता है, अब एक मुश्किल जंग लड़ रहा है.

बता दें कि खेल-कूद में माहिर कैलम हर दिन साइकिल से ही स्कूल जाता था. बीते 20 जनवरी 2025 को कैलम के स्कूल से फोन आया कि उसे सिरदर्द की वजह से मेडिकल रूम में ले जाया गया है और कोई उसे लेने आए. कैलम को लेने के लिए उसके सौतेले पिता मार्क जब स्कूल पहुंचे, तो देखा कि वह ठीक से बोल नहीं पा रहा था. उसने मार्क से जोर से कहा कि वो उनसे प्यार करता है, लेकिन उसकी बातें कुछ अटपटी थीं. मार्क ने बिना वक्त गंवाए उसे चेम्सफिल्ड के ब्रूमफील्ड अस्पताल (Broomfield Hospital) के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचाया. रास्ते में कैलम को तीन दौरे पड़े, जिसने सबको डरा दिया. अस्पताल में कैलम को एक हफ्ते तक रखा गया. वहां डॉक्टरों ने लंबर पंक्चर, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे कई टेस्ट किए. शुरू में लगा कि शायद ये कोई वायरल इंफेक्शन है, क्योंकि टेस्ट में दिमाग में हल्की सूजन दिखी. सारा को थोड़ा सुकून मिला जब कैलम को दौरे रोकने की दवाइयां देकर घर भेजा गया. उन्हें लगा कि अब सब ठीक हो जाएगा. लेकिन ये राहत ज्यादा दिन नहीं टिकी. उसे फिर से हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा.

बाद में कैलम की कम उम्र की वजह से उसका इलाज लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन (Great Ormond Street Hospital for Children, London) में शुरू हुआ. वहां एक और एमआरआई से पता चला कि कैलम के दिमाग में एक बड़ा ट्यूमर है. 5 फरवरी को ट्यूमर की बायोप्सी हुई और 11 फरवरी को परिवार को बताया गया कि ये ग्रेड चार का डिफ्यूज ग्लियोमा (Diffuse Grade Four Glioma) है, एक तरह का कैंसरयुक्त ट्यूमर जो दिमाग में शुरू होता है. ये ट्यूमर जाल की तरह फैल रहा था, जिसके चलते ऑपरेशन मुमकिन नहीं था. यह सुनकर कैलम के परिवार वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई. बाद में उन्होंने घर पर कैलम को ये बात बताई. सारा ने कहा कि ये खबर सुनकर उनका पूरा परिवार टूट गया. कुछ महीने पहले तक वो एक आम परिवार थे, लेकिन अब सबकुछ बदल चुका था. मार्क ने बताया कि कैलम ने ये खबर सुनकर अपने परिवार की फिक्र की और मुस्कुराकर उन्हें गले लगाया. उसकी हिम्मत ने सबको हैरान कर दिया.

14 फरवरी को परिवार लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज हॉस्पिटल (University College Hospital) गया, जहां कैलम का इलाज शुरू हुआ. 24 फरवरी से उसे छह हफ्ते तक रोज रेडियोथेरेपी दी गई, जो 4 अप्रैल को खत्म हुई. अब 5 मई को उसका एमआरआई स्कैन होगा, जिससे पता चलेगा कि ट्यूमर पर इलाज का क्या असर हुआ. सारा ने बताया कि कैलम, जो पहले कभी बीमार नहीं पड़ा, अब ढेर सारी दवाइयां ले रहा है और अस्पताल में वक्त बिता रहा है. परिवार को बताया गया कि ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (National Health Service, NHS) में कैलम के लिए और कोई इलाज नहीं है. ऐसे में उन्होंने विदेश में कैंसर के वैकल्पिक इलाज के लिए एक GoFundMe पेज बनाया. मार्क ने बताया कि अब तक 50,000 पाउंड (लगभग 50 लाख रुपए) से ज्यादा की रकम जमा हो चुकी है. परिवार अब पूरी उम्मीद के साथ कैलम के लिए बेहतर इलाज ढूंढ रहा है, ताकि वो फिर से अपनी पुरानी जिंदगी जी सके.

Related Content

man reach passport office in shorts security guard not allowed inside debate started on social media – शॉर्ट्स पहनकर पासपोर्ट ऑफिस पहुंचा लड़का, सिक्योरिटी गार्ड ने अंदर जाने से रोका, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस!

Former gram panchayat president stabbed to death in Dharwad district

न दूल्हा बाहर जाता, न दुल्हन आती! मध्य प्रदेश का अनोखा गांव, जहां घर के सामने ही होता मायका-ससुराल

Leave a Comment