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एरिया-51 का निर्माण 1955 में अमेरिका और रूस के बीच शीत युद्ध के दौरान हुआ था. ये एक अमेरिकी एयरफोर्स का बेस है जो नेवादा में स्थित है. सालों से लोगों का मानना है कि इस जगह पर अमेरिका एलियंस छुपाकर रखता है और उन…और पढ़ें

एरिया-51 का रहस्य सुलझ गया! (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)
जब भी एलियंस की बात होती है, तो दुनिया में बहुत सी अफवाहें उड़ती हैं. लोग अपने-अपने अनुसार तर्क देते हैं. कई वैज्ञानिक सिरे से एलियंस दिखने या मिलने की बात को खारिज करते हैं, कई वैज्ञानिक संभावनाएं जताते रहे हैं कि एलियंस वास्तव में होते हैं और हमसे संपर्क करने की कोशिश में लगे रहते हैं. अब सच क्या है, ये तो वैज्ञानिक ही जानते हैं. पर दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां पर दावा किया जाता है कि एलियंस छुपाकर रखे जाते हैं. इस जगह का नाम Area-51 है. ये जगह अमेरिका में है. तो अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई यहां पर एलियंस हैं? एक रिपोर्ट कुछ सालों पहले सामने आई थी, जिसने इस जगह के बड़े राज से पर्दा उठाया था. अब जाकर ये रिपोर्ट आम लोगों की नजरों के सामने आ रही है.

सीआईए ने एरिया-51 से जुड़ी डीक्लासिफाइड रिपोर्ट जारी की थी. (फोटो: CIA)
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार एरिया-51 का निर्माण 1955 में अमेरिका और रूस के बीच शीत युद्ध के दौरान हुआ था. ये एक अमेरिकी एयरफोर्स का बेस है जो नेवादा में स्थित है. 1989 तक ये जगह एक बड़ा राज बनकर रही थी मगर रोबर्ट लेजर नाम के शख्स ने टीवी पर 1989 में बताया था कि वो ग्रूम लेक के नाम से प्रसिद्ध इस जगह में एलियन टेक्नोलॉजी और स्पेसक्राफ्ट के बारे में अध्ययन कर रहे हैं. अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी ने 2013 में कुछ दस्तावेज जारी किये और पहली बार एरिया-51 के होने के दावों पर मुहर लगाई.

रिपोर्ट में बताया गया कि जिन चीजों को लोग यूएफओ बताते थे, वो असल में अमेरिका के खुफिया स्पाई विमान थे. (फोटो: CIA)
सामने आई रिपोर्ट्स
एजेंसी ने आधिकारिक रूप से 400 पन्नों के एक दस्तावेज को पब्लिक के सामने जारी किया जिसमें बताया गया कि असल में अमेरिका वहां पर खुफिया स्पाई प्लेन की टेस्टिंग उस इलाके में करता था और लोगों ने उन प्लेन को UFO समझ लिया. ये टेस्टिंग 1950 के अंत और 1960 के दौरान हुआ करती थी. जब यू-2 स्पाई प्लेन की टेस्टिंग यहां होती थी, तब काफी ज्यादा UFO देखने जाने का दावा किया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि लोगों ने प्लेन को ही यूएफओ समझ लिया, इस वजह से उन्हें लगा कि उस इलाके में एलियंस हैं. पर वहां पर ऐसा कुछ नहीं है.
लोगों ने नहीं किया यकीन
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस इलाके में 5000 फीट का रनवे था, 150 कर्मियों के रहने के लिए घर थे, पानी मुहैया कराने के लिए कुएं थे, मेस हॉल बना था, ईंधन स्टोर करने के लिए टैंक बने थे और प्लेन खड़े करने के लिए हैंगर और दुकानें भी थीं. एरिया-51 में शुरुआती प्लेन 25 जुलाई 1955 को डिलीवर हुए थे. दो दिनों बाद ट्रायल शुरू हुआ था. पहली टेस्टिंग 4 अगस्त 1955 को हुई थी. रिपोर्ट में लिखी बातों पर लोगों ने यकीन नहीं किया था. 2019 में तो करीब 5 लाख लोगों ने सितंबर महीने में एरिया-51 के अंदर घुसने का फैसला लिया था. इसके लिए बाकायदा फेसबुक पर एक इवेंट बनाया गया था. पर बाद में उसे कैंसिल कर दिया गया था.
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