‘खाली पड़े रहना ठीक नहीं’, रोबोट हो सकते हैं ‘आलसी’, साइंटिस्ट निकाल रहे इलाज!

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वैज्ञानिकों ने पाया कि रोबोट इंसान से ज्यादा आलसी हो सकते हैं. बाथ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, कई तरह के रोबोट दिन में सिर्फ एक घंटे से भी कम काम करते हैं और बाकी समय आलसियों की तरह बेकार पड़े रहते हैं…और पढ़ें

‘खाली पड़े रहना ठीक नहीं’, रोबोट हो सकते हैं ‘आलसी’, साइंटिस्ट निकाल रहे इलाज!

घर की सफाई के लिए बनाए गए रोबोट ज्यादातर समय बेकार रहते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

हाइलाइट्स

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि रोबोट इंसान से ज्यादा आलसी हो सकते हैं
  • रोबोट्स को दोबारा प्रोग्राम कर उनकी उपयोगिता बढ़ाई जा रही है
  • रोबोट्स को 100 से ज्यादा कामों के लिए तैयार किया जा सकता है

क्या कोई रोबोट आलसी हो सकता है? इस तरह से के सवाल आपको अजीब लगेंगे. लेकिन ये जो दूसरा सवाल है, हाल में वैज्ञानिकों ने इसका जवाब हां, में दिया है. वैज्ञानिकों को कहना है कि रोबोट इंसान से ज्यादा ‘आलसी’ हो सकते हैं और उन्होंने दोबारा प्रोग्राम करने की जरूरत पड़ेगी जिससे वे यूं ही ना पड़े रहे. अब वैज्ञानिक रिसर्च कर इसका इलाज निकाल रहे हैं. वे रोबोट्स को इस तरह से तैयार कर रहे हैं कि उन्हें खाली ना बैठना पड़े. उनका ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके और वे साधारण सी मशीन बन कर ना रह जाएं.

एक घंटे या उससे भी कम काम करते हैं रोबोट
बाथ यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने पाया है कि रोबोट वैक्यूम्स, यानी ऐसे रोबोट जो वैक्यूम क्लीनिंग का काम करते हें, औसतन दिन में केवल 47 से 60 मिनट ही काम करते हैं. इसी तरह से लॉन मोअर भी इससे भी कम समय में काम करते हैं. उसके अलावा वे यूं ही पड़े रहते हैं और वे  इस दौरान पूरी तरह से बैकार होते हैं यानी आलसी की तरह होते हैं.

100 से भी ज्यादा काम कर सकते हैं
शोधकर्ताओं का दावा है कि अगर ऐसे रोबोट्स में थोड़ा सा बदलाव कर दिया जाए तो वे बहुत ही ज्यादा उपयोगी हो सकते हैं. उन्होंने ऐसे 100 से भी ज्यादा कामों का पता लगाया है जिन्हें ऐसे रोबोट थोड़े से बदलाव के बाद आसानी से कर सकते हैं. इनमें पौधों में पानी देना, कार से राशन का सामान निकाल कर लाना, फोन चार्जिंग कर सकते हैं, यहां तक कि वे लेज़र पेन से बिल्लियों के साथ खेल भी सकते हैं.

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रोबोट्स का खास तरह से प्रोग्राम कर अलग अलग काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Unsplash)

बदलनी होगी प्रोग्रामिंग
बाथ यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर साइंस विभाग के पीएचडी छात्र योशियाकी शियोकावा का कहना है कि इस तरह के रोबोट केवल एक काम कर सकते हैं. लेकिन वे व्यवहारिक कामों के लिहाज से बहुत कम उपयोग में लाए जा रहे हैं. आधिकांश समय वे पड़े रहते हैं और उनकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए हमें उनकी प्रोग्रामिंग बदलनी होगी, जिससे वे दूसरे काम भी कर सकें

2023 में रोबोट्स का 8 खरब से ज्यादा का बिज़नेस था जो तीन साल बाद अगले साल तक तिगुना होने की उम्मीद है.  ऐसा ही अन्य तरह के रोबोट जैसे कि युद्ध के लिए तैयार किए गए सैनिक रोबोट्स पर भी लागू किया जा सकता है. वहीं अब घरेलू रोबोट भी नौकर की तरह बहुत सारे काम करने के लिए तैयार किए जाएंगें. देखना ये होगा कि क्या इससे उन पर आलसी होने का धब्बा मिट सकेगा? क्योंकि खाली समय तो उनका तब भी बच सकता है.

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