Ajab gajab: बिहार का ऐसा जिला, जहां पेड़-पौधों पर हैं 20 से अधिक गांव के नाम, लिस्ट देख चौंक जाएंगे आप

Last Updated:

Gopalganj Unique Village Name: बिहार गोपालगंज जिले में 20 से अधिक गांवों के नाम पेड़ पौधों के नाम पर रखे गए हैं. कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोग लोग बताते हैं कि गोपालगंज जिले के लोग शुरू से ही पर्यावरण प्रेमी रहे, …और पढ़ें

X

गोपालगंज

गोपालगंज जिले में 20 से अधिक गांव के नाम पेड़ पौधों के नाम पर

हाइलाइट्स

  • गोपालगंज के 20 से अधिक गांवों के नाम पेड़-पौधों पर रखे गए हैं.
  • कुचायकोट प्रखंड में सबसे अधिक गांव पेड़-पौधों के नाम पर हैं.
  • गांवों के नामकरण में पर्यावरण प्रेमी लोगों का योगदान है.

गोपालगंज. बिहार में गांव के नाम अजब-गजब रखे गए हैं. नामकरण किस आधार पर किया गया, इसकी कोई खास जानकारी तो नहीं मिलती, लेकिन कुछ गांवों के नाम आपको हैरान कर देने वाले मिलेंगे बिहार का एक जिला है गोपालगंज, जहां 20 से अधिक गांवों के नाम पेड़-पौधों के नाम पर रखे गए हैं. कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोग कहते हैं गोपालगंज जिले के लोग शुरू से ही पर्यावरण प्रेमी रहे, इसलिए अधिकतर गांवों के नाम पेड़-पौधों के नाम पर ही रख दिए.

पेड़ों के नाम पर है गोपालगंज के चर्चित गांव

पेड़ पौधों के नाम पर रखे गए गांव के नाम की लिस्ट देख अभी चौंक जाएंगे यह सभी गांव अलग-अलग प्रखंडों में है. आम के पेड़ के नाम पर अमवा गांव है, जो  सदर प्रखंड का एक गांव है. वहीं कुचायकोट प्रखंड में भी एक अमवा गांव है. जामुन के नाम पर जमुनिया है, जो कुचायकोट प्रखंड का एक गांव है. इसके अलावा जमुनहां बाजार, जो कि पंचदेवरी प्रखंड का एक चर्चित बाजार है. नीम के पेड़ के नाम पर निमुईया जो कि पंचदेवरी प्रखंड का एक गांव है.

कुचायकोट में है पेड़ों के नाम पर सबसे अधिक गांव

कुचायकोट प्रखंड में सबसे अधिक गांव के नाम पेड़ पौधों के नाम पर रखे गए हैं. इस प्रखंड में महुआ से महुअवां, पकड़ी से पकड़ीहार, सेमर से सेमरा, सेमरिया, गूलर से गुलौरा तथा बेल से बेलवा तथा बेलबनवा, बड़हर से बड़हरा, खर से खरहरवा है. इसके अलावा अन्य प्रखंडों में भी कई गांव के नाम पेड़-पौधों के नाम पर रखे गए हैं, जिसमें हथुआ प्रखड में तुलसी से तुलसिया, मांझा में इमिलिया है. पंचदेवरी में  नीम से निमुईयां तथा बरौली में सिसो(शीशम) से सिसई है. बरगद से बरगदवा है. लोग बताते हैं कि गांव में जिस पेड़ की संख्या अधिक रहती थी, पूर्व में उसी के आधर पर गांव का नामकरण कर दिया जाता था.

homeajab-gajab

बिहार का अनोखा जिला! यहां पेड़-पौधों से प्रेरित है 20 से अधिक गांवों के नाम

Related Content

17 साल के लड़के के टच में आई भौजाई, धीरे से बोली- सुनो कमरे में…, फिर रहने लगा मायूस

Government should ensure no innocents are killed: CPI(M) Polit Bureau on Operation Kagar 

Universe can begin to end at any moment scientists explains the process – कभी भी हो सकती है ब्रह्माण्ड खत्म होने की शुरुआत, जानिए कैसे होगा ये!

Leave a Comment