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करीब 2000 साल पुराने घर में ज्वालामुखी से बचने के लिए एक परिवार ने संघर्ष किया था. यह खुलासा इटली के पोम्पेई में 79 ईसवी में वेसुवियस पर्वत के ज्वालामुखी विस्फोट से तबाह हुए शहर की खुदाई में हुआ. पुरातत्वविदों …और पढ़ें

कमरे में ऐसे सबूत मिले हैं कि परिवार के लोगों ने लावा से बचने की कोशिश की थी. (तस्वीर: Instagram)
हाइलाइट्स
- पोम्पेई में 2000 साल पुराना घर मिला
- परिवार ने ज्वालामुखी से बचने की कोशिश की
- घर का नाम “हाउस ऑफ एली एंड फ्रिसो” रखा गया
जब कहीं भी कोई ज्वालामुखी फटता है तो कुछ ही मिनटों में पास के इलाकों में लावा फैल जाता है और सब कुछ तबाह हो जाता है. ऐसे में किसी को बचने की कोशिश करने का मौका भी नहीं मिलता है और लोगों को समझ में भी नहीं आता कि वे क्या करें. गर्म लावा सुनामी की तरह हर जगह घुस कर सब कुछ खत्म कर देता है. ऐसे में ज्वालामुखी की चपेट मे आए शहर जमीन में दब कर रह जाते हैं, जिनका पता बाद में खुदाई में चलता है. पुरातत्वविदों को इटली के पम्पोली में ऐसा ही शहर मिला है जो आज से करीब 2000 साल पहले खत्म हो गया था. हाल ही में यहां एक चौंकाने वाली खोज हुई है. यहां ऐसे घर के बारे में पता चला है कि जिसमें रहने वालों ने ज्वालामुखी से बचने की भरपूर कोशिश की थी.
पूरा शहर खत्म हो गया था
इटली के पोम्पेई वह शहर है जिसे वेसुवियस पर्वत के ज्वालामुखी ने 24 अगस्त 79 ईसवी को फूटा था और लोगों को बचने के मौका भी नहीं लिया और पूरा का पूरा शहर ही लावा में डूब कर खत्म हो कर दब गया.लेकिन इस शहर में पोम्पेई आर्कियोलॉजिकल पार्क के विशेषज्ञों ने इस घर को खोजा है और उसे हाउस ऑफ एली एंड फ्रिसो नाम दिया है.
क्या किया था बचने के लिए?
घर में जो सामान जिस हाल में मिला है उससे साफ जाहिर है कि घर के चार सदस्यों, जिनमें एक बच्चा भी था, ने खुद को ज्वालामुखी के प्रकोप से बचाने के लिए बहुत ही बहादुरी से कोशिश की थी. इस छोटे से सजावट भरे घर के सदस्यों ने बेडरूम में खुद को बचाने के लिए दरवाजे पर बेड को अटका दिया था, जिससे अंदर तक लावा ना पहुंच सके.
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