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तारा बोरेली नाम की एक महिला ने बताया कि कैसे उन्होंने आंद्रे नाम के कुत्ते को बचाया. हुआ यूं कि उन्होंने जनवरी में एक फेसबुक पोस्ट देखा, जिसमें एक बेघर कुत्ते के बारे में बताया गया था. कुत्ते को एटलांटा के पीडम…और पढ़ें

कुत्ते को अप्रैल में गोद लेने के लिए शेल्टर होम में भेजा गया था, अब उसे गोद ले लिया गया है. (फोटो: Facebook/Adoptable Pets of LifeLine – Atlanta, GA)
अक्सर लोग कहते हैं कि इस दुनिया से इंसानियत खत्म हो चुकी है, पर ये बात हर इंसान पर लागू नहीं होती. वो इसलिए क्योंकि आज भी दुनिया में ऐसे लोग हैं, जिनकी वजह से इस दुनिया में अच्छाई कायम है. अमेरिका की तारा बोरेली नाम की महिला भी उन्हीं लोगों में से हैं. उनकी कहानी आजकल सुर्खियों में है. उन्होंने एक बेघर कुत्ते की जान बचाने के लिए अपनी जान को खतरे में डाला और फिर कु्त्ते को गोद ले लिया.
न्यूज वेबसाइट People से बात करते हुए तारा बोरेली ने बताया कि कैसे उन्होंने आंद्रे नाम के कुत्ते को बचाया. हुआ यूं कि उन्होंने जनवरी में एक फेसबुक पोस्ट देखा, जिसमें एक बेघर कुत्ते के बारे में बताया गया था. कुत्ते को एटलांटा के पीडमॉन्ट पार्क में रस्सी से बांधा गया था और उसके कॉलर पर मालिक के द्वारा एक नोट लिखा लगा था. मालिक ने उसे वहां पर इस वजह से छोड़ा था, जिससे लोग उसे आसानी से खोज लें. उस वक्त बर्फबारी हो रही थी और मौसम विभाग ने लोगों को गाड़ियां चलाने से बचने को कहा था. मगर कुत्ते को देखकर तारा का दिल पसीज गया.
बेघर कुत्ते को बचाने निकली महिला
आंद्रे, बॉक्स-पिटबुल प्रजाति का मिक्स ब्रीड का कुत्ता था. उसे एक कपल ने कुछ वक्त के लिए गोद ले लिया था मगर वो पर्मानेंटली उसे नहीं पाल सकते थे, इस वजह से उसकी फोटो को उन्होंने ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. साथ में वो चिट्ठी चिपका दी थी. चिट्ठी में लिखा था- मेरा नाम आंद्रे है, मैं 5 साल का हूं, मेरा जन्म 14 जून 2020 को हुआ था. मेरे पिता बेघर हैं, इस वजह से मेरे पास रहने की कोई जगह नहीं है. मैं एक अच्छा कुत्ता हूं, मुझसे बिछड़ने में मेरे पिता का दिल टूट गया था, मगर उनकी मजबूरी थी. मुझे कोई शेल्टर नहीं लेगा. चिट्ठी के अंत में मालिक की ओर से लिखा था कि कृपया आंद्रे का ध्यान रखें.
जान पर खेलकर बचाई कु्त्ते की जान
बोरेली ने बताया कि फोटो देखकर उन्होंने फौरन कार स्टार्ट की और 16 किलोमीटर दूर आंद्रे को लेने निकल गईं. वो जानती थीं कि सफर आसान नहीं होगा क्योंकि तूफान और भी ज्यादा भयानक होता जा रहा था. एक-दो बार तो उन्हें लगा कि उनका एक्सिडेंट हो जाएगा या फिर वो वहां तक नहीं पहुंच पाएंगी. पर जैसे-तैसे कर वो वहां पहुंचीं. उन्होंने कुत्ते को कार में डाला और फिर लौटने लगीं. पर लौटने का रास्ता भी आसान नहीं था. लौटते हुए रोड पर बहुत कम कारें हो गई थीं. एक-दो बार तो उनका संतुलन भी बिगड़ा और उनका छोटे स्तर का एक्सिडेंट भी हुआ. जब वो दूसरी रोड पर पहुंचीं तो रास्ता इतना खराब था कि उन्हें लगा कि उन्हें गाड़ी को कहीं कोने में रोककर रात को कुत्ते के साथ बैकसीट पर ही सोना पड़ेगा. पर तभी तीन लोग देवदूत बनकर वहां पहुंचे. उनमें एक अटलांटा पुलिस का अफसर था और बाकी दो अन्य लोग थे जो फंसी हुई कारों को निकालने में मदद कर रहे थे. उनकी मदद से तारा मुख्य रोड तक पहुंचीं, जिसके बाद वो अपने घर जा पाईं.
कुत्ते को ले लिया गया गोद
बोरेली जानती थीं कि वो आंद्रे को लंबे वक्त तक नहीं रख सकती थीं, क्योंकि उनके अपने कुत्ते की भी तबीयत खराब थी और दो-दो कुत्तों की देखभाल करना भी मुश्किल था. इस वजह से अप्रैल में उन्होंने एक शेल्टर होम को कुत्ते की जिम्मेदारी सौंप दी. कुत्ते की किस्मत अच्छी थी कि अटलांटा के एक परिवार ने मई की शुरुआत उसे गोद ले लिया.
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल…और पढ़ें
आशुतोष अस्थाना न्यूज़18 हिन्दी वेबसाइट के ऑफबीट सेक्शन सीनियर सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं. यहां वो दुनिया की अजीबोगरीब खबरें, अनोखे फैक्ट्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग न्यूज़ को कवर करते हैं. आशुतोष को डिजिटल… और पढ़ें
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