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एक सर्वे में 40 से अधिक उम्र की महिलाओं ने अनूठे खुलासे किए हैं. उन्होंने शादीशुदा और पारिवारिक जीवन की तुलना में अपने अकेले जीवन को प्राथमिकता दी है और इसे सही माना है. उनका कहना है कि वे शादीशुदा लोगों से ज्य…और पढ़ें

महिलाओं ने बताया कि उन्हें आज भी अकेले रहना कैसा लगता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
हाइलाइट्स
- 40 से अधिक उम्र की महिलाएं अकेले जीवन को प्राथमिकता देती हैं
- शादीशुदा लोगों की तुलना में अकेली महिलाएं ज्यादा खुश हैं
- अकेली महिलाएं खुद की बेहतर देखभाल कर सकती हैं
क्या एक महिला के लिए अकेले जीवन गुजारा शादीशुदा और पारिवारिक जीवन से बेहतर है? यह सवाल ऐसा है, जिसे आज के जमाने में ज्यादा से ज्यादा पूछा जा रहा है. कई आत्मनिर्भर महिलाएं अकेले रहने को प्राथमिकता देना पसंद करती हैं. वहीं बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं जो पारिवार के बिना जीवन अधूरा मानती हैं. पर आज ज्यादातर महिलाएं क्या सोचती हैं. खास तौर से वे अकेली महिलाएं क्या सोचती हैं जिन्होंने जीवन के शुरुआती दौर से ही अकेले रहने का फैसला किया था? क्या बुढ़ापे में भी उन्हें अपना फैसला सही लगता है? सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जवाब में कई बुजुर्ग महिलाओं ने रोचक खुलासे किए हैं.
40 से ऊपर की महिलाओं के विचार
एक सर्वे में 40 से अधिक उम्र की महिलाओं ने अपने अकेले जीवन के चुनाव के फैसले के बारे में बेबाक राय रखी है. बज़फीड के इस सर्वे में उन महिलाओं ने अपने विचार रखे हैं जिन्होंने परिवार की जगह अकेला जीवन चुना है और उन्होंने इस बारे में बेबाकी से अपनी राय लिखी है कि उन्हें उम्र के बाद के पड़ावों में यह फैसला कितना सही और कितना गलत लगता है.
शादीशुदा लोगों को तुलना में ज्यादा खुश
57 साल की एक अमेरिकी महिला का कहना है कि वे कभी भी शादी और बच्चे नहीं चाहती थीं. उन्हें अपना जीवन साथी ते मिला लेकिन वह दोनों का साथ 20 साल का ही था. वे अपने उस रिश्ते तो लेकर आज तक खुश हैं, लेकिन उन्होंने कभी परिवार नहीं बढ़ाया. आज वे खुश है और दूसरे शादीशुदा लोगों को तुलना में बहुत ज्यादा खुश हैं. हां उन्हें उनके दोस्तों की मदद मिलती रहती हैं. लेकिन वे सिर्फ अपने खोये जीवन साथी से मिलना चाहेंगी और कुछ नहीं!

महिलाओं का मानना है कि वे शादीशुदा जीवन के तुलना में ज्यादा खुशी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)
जीवन से संतुष्ट
63 साल की एक अन्य अमेरिकी महिला का कहना है कि वह दूसरों को देखते हुए सीखती रहीं और उन्होंने कभी शादी नहीं की. उन्होंने खुशी है कि उन्होंने अपना समय और पैसा करियर पर खर्च किया. और वे अपनी एकांत और शांत जीवन से संतुष्ट हैं. वहीं कनाडा की रहने वाली 62 साल की एक अन्य महिला का कहना है कि उन्हें बेशक कई बार अकेलापन लगता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि वे खुद पर, दोस्तों पर या अजनबियों पर निर्भर हैं, लेकिन वे जो हैं उससे खुश हैं.
खुद की कर सकती हैं बेहतर देखभाल
ऐसा नहीं है कि इस तरह के विचार अमेरिका और कनाडा जैसे देश की महिलाओं के ही हैं. यूके की एक महिला का कहना है कि बहुत से लोगों को लगता है कि अधिक उम्र में महिलाएं पति पर बोझ हो जाती हैं. लेकिन वे अकेले रहने के बावजूद खुद की किसी के भी मुकाबले कहीं बेहतर देखभाल कर सकती हैं. पति और बच्चे होना उनके जीवन में खुशी की जरूरी शर्त नहीं है. खुद को स्वीकारना और खुद के साथ बर्ताव मायने रखता है.
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ऑस्ट्रेलिया की 45 साल की एक महिला का भी यही मानना है कि बिना पति और बच्चों के उनका जीवन बहुत अच्छा रहा है. उन पर परिवार का कोई दबाव नहीं है और ना ही उन्हें बच्चों के लिए किसी तरह का त्याग करने की जरूरत है. उनका मानना है कि इस तरह की जिम्मेदारियां महिलों के लिए नुकसानदायी होती हैं. सभी महिलाओं का कहना है कि अकेले रहने में आजादी है, लेकिन वे खुद को परिवारवाली महिलाओं से बेहतर पाती हैं. वे खुल के जीती हैं और कई ने तो खुद को रिलेशन में रहने की शर्त में भी नहीं बांधा हुआ है. वे बस खुशी से जी रही हैं.

As an exclusive digital content Creator, specifically work in the area of Science and technology, with special interest in International affairs. A civil engineer by education, with vast experience of training…और पढ़ें
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