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सोशल मीडिया पर एक ऐसे शख्स की कहानी वायरल हो रही है, जिसमें बताया गया है कि एक 71 साल के शख्स को 28 साल पहले मृत घोषित कर दिया गया. लेकिन अब वो दोबारा जिंदा हो गया. आखिर कैसे? यकीन मानिए, इसके बारे में जानकर आप…और पढ़ें

ब्राजील के टोकैंटिन्स इलाके (Tocantins region, Brazil) में रहने वाले 73 साल के मनोएल मार्सियानो डा सिल्वा (Manoel Marciano da Silva) की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं. साल 1995 में उनकी पूर्व पत्नी और दो गवाहों ने अधिकारियों को बताया कि मनोएल की मृत्यु हो चुकी है. बस, इसके बाद कागजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनकी कब्र तक बन गई, लेकिन हकीकत में वो जिंदा थे, अपनी जिंदगी जी रहे थे. सालों तक मनोएल को इस बात का पता ही नहीं था कि वो जिंदा होकर भी मर चुके हैं. लेकिन साल 2012 में जब उन्हें पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
दरअसल, मनोएल साल 2012 में स्थानीय चुनाव में वोट डालने गए. लेकिन वहां उन्हें बताया गया कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, क्योंकि वो ‘मर चुके’ हैं. उस वक्त मनोएल ने इस बात को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन चार साल पहले (साल 2021) में जब उनकी पेंशन रुक गई और मुफ्त इलाज का हक छिन लिया गया, तब उन्हें इस ‘मौत’ का असर समझ आया. मनोएल ने बताया, “मैं जिंदा था, लेकिन कागजों में मर चुका था. ना पेंशन मिल रही थी, ना अस्पताल में इलाज. मुझे कुछ करना था.” इसके बाद शुरू हुई उनकी जिंदगी वापस पाने की जंग. उन्होंने एक वकील की मदद ली और कोर्ट में अपनी मौत का सर्टिफिकेट रद्द करने की लड़ाई शुरू की.
इसके लिए मनोएल को अपने जिंदा होने का सबूत देना था. उनके फिंगरप्रिंट्स की जांच हुई, जिससे पक्का हुआ कि वो वही शख्स हैं. इसके अलावा, कई गवाहों को कोर्ट में बयान देना पड़ा कि मनोएल जिंदा हैं. दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 16 अगस्त 2023 को आखिरकार उनका डेथ सर्टिफिकेट रद्द हुआ और उन्हें नया बर्थ सर्टिफिकेट मिला. इस तरह से 28 सालों बाद वे दोबारा जिंदा हुए. लेकिन सवाल ये है कि आखिर उनकी पूर्व पत्नी ने उन्हें मृत क्यों घोषित किया? मनोएल के बच्चों का मानना है कि उनकी मां अनपढ़ थीं, शायद उन्हें किसी ने गलत सलाह दी. लेकिन मनोएल को अब इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. वो कहते हैं, “मुझे बस इतना पता है कि मैं अब जिंदा हूं, कागजों में भी.”
हैरानी की बात ये है कि मनोएल का मामला अकेला नहीं है. भारत में भी ऐसा एक मामला सामने आया था, जब एक शख्स को मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन असल में जिंदा था. इसके अलावा स्पेन की रहने वाली जुआना एस्कुडेरो (Juana Escudero) को मरा हुआ मान लिया गया. उन्हें खुद को जिंदा बताने में सात साल लग गए, तब जाकर उन्हें मृतक लिस्ट से हटाया गया. बता दें कि मनोएल की कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि एक छोटी सी गलती किसी की पूरी जिंदगी कैसे बदल सकती है. आज मनोएल खुश हैं, लेकिन वो रहस्य जो उनकी ‘मौत’ का कारण बना, वो अभी भी अनसुलझा है. क्या ये सिर्फ गलतफहमी थी, या इसके पीछे कोई बड़ा राज? ये सवाल मन में रह जाता है.

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में सीनियर एसोसिएट एडिटर के तौर कार्यरत. इंटरनेशनल, वेब स्टोरी, ऑफबीट, रिजनल सिनेमा के इंचार्ज. डेढ़ दशक से ज्यादा समय से मीडिया में सक्रिय. नेटवर्क 18 के अलावा टाइम्स ग्रुप, …और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में सीनियर एसोसिएट एडिटर के तौर कार्यरत. इंटरनेशनल, वेब स्टोरी, ऑफबीट, रिजनल सिनेमा के इंचार्ज. डेढ़ दशक से ज्यादा समय से मीडिया में सक्रिय. नेटवर्क 18 के अलावा टाइम्स ग्रुप, … और पढ़ें
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