अलीगढ़. सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित हुआ. दोनों कक्षाओं की परीक्षा में लड़कियां लड़कों से आगे रहीं. दोनों कक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. कक्षा 12वीं में 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए. कक्षा 10वीं में पास करने वाले छात्रों का प्रतिशत 93.66 रहा. इसी बीच यूपी के अलीगढ़ के बीएसए की एक पोस्ट वायरल हो रही है. उन्होंने अपने बेटे के 60% मार्क्स लाने पर खुशी जाहिर की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिख डाली. पोस्ट पर यूजर्स ने खुशी जाहिर की.
बीएसए राकेश सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मेरे बेटे ऋषि ने 60% के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है. बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं बेटा. जैसे ही मैंने अपने बच्चे को बधाई दिया उसने पूछा पापा आप नाराज तो नहीं हैं. इतने कम नंबर आए हैं. मैंने उसे बताया कि नहीं मैं नाराज नहीं बल्कि आज उतना खुश हूं, जितना मैं कभी अपने सेलेक्शन पर भी नहीं हुआ होगा क्योंकि तुम्हारे तो 60% नंबर है. मेरा स्नातक में 52 % ही नंबर था. हाई स्कूल में 60% था इंटर में 75% नंबर था. जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं या उत्तीर्ण नहीं हो सके हैं उनको निराश होने की, उनके माता-पिता को घबराने की जरूरत नहीं है.’
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उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, ‘हम जिंदगी की शुरुआत कहीं से कभी भी कर सकते हैं. जब मैंने इंटर कर लिया और स्नातक का एंट्रेंस टेस्ट देने गया था, तब मुझे अकबर-बीरबल, बाबर, राज्यपाल और बैडमिंटन जैसे सवाल नहीं आते थे. मैंने एंट्रेंस टेस्ट में इनसे संबंधित सारे सवालों को गलत किया था. फिर भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेरा प्रवेश हुआ. जिस लड़के को इतिहास का एबीसीडी न पता हो, उसने लोक सेवा आयोग में 2000 इतिहास में 80% नंबर हासिल किया. मैंने करके दिखाया. यह मेरी एक ज़िद थी. हम जिंदगी में कहीं से कभी भी अच्छी शुरुआत कर सकते हैं. मैं अभिभावकों से एक अपील करूंगा. यदि आप सफल नहीं हो पाए हैं तो कोई बात नहीं . ये सही बात है कि आपको अपने बच्चे से बहुत सारे सपने पालक रखें होंगे, बच्चों के माध्यम से आपको अपने सपने पूरे करने हैं लेकिन उसके लिए बच्चों को मज़बूर नहीं करना चाहिए.’
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अलीगढ़ बीएसए ने लिखा, ‘मैंने 2000 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पीईएस संवर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. मैंने एक बार ठाना तो फिर करके दिखाया पीछे मुड़कर नही देखा. यह टैलेंट सभी बच्चे में होता है. बस आप उसको कितना प्रोत्साहन दे पाते हैं. उसके स्वास्थ्य का कितना ध्यान रख पाते हैं, ये बहुत जरूरी है. जिंदगी ज्ञान की नहीं, धैर्य की परीक्षा है. बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए. उनका साथ देना चाहिए और जब से बच्चा शुरुआत कर लेगा वो कुछ भी कर सकता है. किसी भी ऊंचाई को तय कर सकता है. ऐसे तमाम उदाहरण समाज में भरे पड़े हैं. मैं पुनः जिन बच्चों ने सफलता हासिल की है. उनको बधाई देना चाहता हूं. जिन बच्चों ने सफलता हासिल नहीं की है उन बच्चों को उनके माता-पिता, अभिभावकों को विशेष बधाई देना चाहता हूं कि आपका बच्चा इस सृष्टि की अनमोल रचना है. वो जरूर किसी न किसी दिन बड़ा करेगा. अच्छा करेगा. सभी को शुभकामनाएं.’
बीएसए राकेश सिंह की पोस्ट की कई यूजर्स ने रिएक्शन दिए. यूजर रितु मिश्रा ने लिखा, ‘आज पहली बार किसी पैरेंट्स को ऐसा करते देख रहे है, जब पैरेंट्स ऐसा करते है तो यकीनन बच्चा जीवन में अच्छा जरूर करता है.’ एक अन्य यूजर वीर पाल ने लिखा, ‘बहुत ही सराहनीय पोस्ट. हमारे समाज में आजकल नंबर लाने के लिए रेस लगी हुई है. माता-पिता अपने बच्चों को मूल्यांकन उनके द्वारा प्राप्त नंबरों से करते हैं. आपका धन्यवाद और आभार. कम ही ऐसी सोच वाले.’ एक यूजर वेद प्रकाश शुक्ला ने लिखा, ‘पहली बार किसी पिता को अपने बच्चे को सार्वजनिक रूप से प्रोत्साहन करते देखा है.’
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