Last Updated:
Ajab Gajab News: बुंदलेखंड में एक पक्षी को लेकर अनोखी मान्यता है. लोगों का मानना है कि ये चिड़िया किसी को करोड़पति बना सकती है. बशर्ते अंडे से बच्चे बाहर आने के बाद वो पत्थर मिल जाए, जो वो हिमालय से लाती है…

टिटहरी के अंडे.
हाइलाइट्स
- टिटहरी पक्षी के अंडों से पारस पत्थर की मान्यता
- मार्च से जून तक टिटहरी के अंडों की खोज
- पारस पत्थर से लोहा को सोना बनने की मान्यता
Sagar News: अमीर बनने के लिए कई लोग मेहनत करने से ज्यादा टोने-टोटके या खजाने की तलाश में रहते हैं. आपने पारस पत्थर के बारे में तो सुना ही होगा. माना जाता है कि यह पत्थर लोहे को सोना बना देता है. कहते हैं एक चिड़िया पारस पत्थर को हिमालय से ढूंढ कर लाती है. इसी पत्थर से वह अपने अंडों को तोड़कर बच्चों को बाहर निकालती है. बुंदेलखंड में ऐसी मान्यता टिटहरी पक्षी को लेकर है. यहीं वजह है कि यहां लोग गर्मी के मौसम में टिटहरी के अंडों की तलाश करते मिल जाएंगे.
टिटहरी पक्षी के अंडों से बारिश के सीजन का भी अनुमान लगाया जाता है. यह पक्षी दो से पांच अंडे देती है और जिस साल गर्मी में ये जितने अंडे दे देती है, उतने ही महीने बारिश होती है. टिटहरी पक्षी कभी पेड़ों पर अंडे नहीं देती. ये हमेशा जमीन पर ही सुरक्षित जगह देखकर अंडे देती है. इनका प्रजनन काल मार्च से जून महीने के बीच का होता है. यही वजह है कि इन दिनों सागर में नदियों या खेत-खलिहानों में टिटहरी के अंडे ढूंढते दिख रहे हैं, ताकि उनकी किस्मत चमक सके.
अंडे तोड़ने के बाद पत्थर का क्या?
पारस पत्थर को लेकर अनेक भ्रांतियां हैं, लेकिन यह कैसा होता है और सच में इसके छूने से लोहा सोना बन जाता है, यह अब तक कहानियों में ही प्रचलित है. कहा जाता है कि ऐसे दुर्लभ और अनमोल पत्थर को टिटहरी ढूंढ कर लाती है और इसी पत्थर से वह अंडे तोड़ती है, जिससे उसके बच्चे निकलते हैं. बच्चों के जन्म होने के बाद उस पत्थर का क्या होता है, वो उसे छोड़ आती है या वहीं छोड़कर बच्चों के साथ चली जाती है. इस बारे में लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है.
आज भी लोग कर रहे प्रयास
सागर के स्थानीय निवासी लखन लाल चौरसिया बताते हैं, वह अपने बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि जहां कहीं भी टिटहरी अंडे देती है और किसी को पता चल जाए तो उस जगह पर वह नजर रखता है. इतना ही नहीं, जब अंडे से बच्चे हो जाते हैं, तब लोग वहां जितने भी कंकड़ पत्थर उस जमीन में होते हैं सारे उठाकर अपने घर ले आते थे या फिर अपने साथ लोहा ले जाकर उस जगह के आसपास जितने भी कंकड़-पत्थर होते सभी में उसको छूकर देखते. क्योंकि, ऐसा कहा जाता है कि टिटहरी अपने अंडे पारस पत्थर से तोड़ती है और पारस पत्थर लोहे को सोना बना देता है. अगर यह पत्थर किसी को मिल जाए तो उसे करोड़पति बनने में देर नहीं लगती. उसकी किस्मत जिंदगी बदल जाएगी, इसलिए इस पारस पत्थर की तलाश में लोग वहां से कंकड़ पत्थर उठाकर अपने घर ले आते हैं.
Leave a Comment