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वाराणसी के कैंट इलाके में एक पुराना ब्रिज रात में डर का पर्याय बन गया है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां चीखें और अजीब छायाएं दिखती है. कई ने रात में ब्रिज पार करने से मना कर दिया. क्या ये भूतों का साया है या को…और पढ़ें

कैंट इलाके में स्थित एक पुराने ब्रिज को स्थानीय लोग अब “भूतहा ब्रिज” कहने लगे हैं
वाराणसी, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, न केवल अपनी आध्यात्मिकता और गंगा घाटों के लिए मशहूर है, बल्कि कुछ रहस्यमयी कहानियों के लिए भी मशहूर है. इनमें से एक है कैंट इलाके में स्थित एक पुराने ब्रिज की कहानी, जिसे स्थानीय लोग अब “भूतहा ब्रिज” कहने लगे हैं. इस ब्रिज के बारे में ऐसी अफवाहें हैं कि रात के समय यहां से गुजरने वाले लोग अजीब आवाजें सुनते हैं और कुछ को डरावनी छायाएं दिखाई देती हैं. क्या ये सिर्फ दिमाग का वहम है या वाकई इस ब्रिज के पीछे कोई भूतिया सच्चाई छिपी है? आइए, इस रहस्य को खोलने की कोशिश करते हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, ये ब्रिज, जिसे आधिकारिक तौर पर “कैंट ओवरब्रिज” कहा जाता है, दशकों पुराना है. कहा जाता है कि 1960 के दशक में इस ब्रिज के निर्माण के दौरान कई मजदूरों की जान गई थी. कुछ का मानना है कि उन मजदूरों की आत्मायें आज भी यहां भटकती हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर इस ब्रिज की कहानियां वायरल हो रही हैं. एक स्थानीय युवक ने दावा किया कि उसने रात में ब्रिज पर एक सफेद साड़ी में लिपटी छाया देखी जो अचानक गायब हो गई. इन कहानियों ने लोगों में इतना डर पैदा कर दिया कि कई लोग रात में इस ब्रिज से बचने के लिए लंबा रास्ता चुनते हैं.
चल रही है जांच
पुलिस ने इन अफवाहों को गंभीरता से लिया है और हाल ही में ब्रिज पर रात में गश्त बढ़ा दी है. कैंट थाने के एक अधिकारी ने बताया, “हमें कई शिकायतें मिलीं कि लोग यहां डर महसूस करते हैं. हमने जांच की लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. ये अफवाहें हो सकती हैं लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले रहे.” पुलिस ने यह भी कहा कि रात में ब्रिज पर असामाजिक तत्वों की मौजूदगी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, जो डर का कारण हो सकते हैं.
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