Fintech company fired humans for AI now planning recruitment for weird reason – कंपनी ने अपनाया था AI मॉडल निकाल दिए बहुत सारे कर्मचारी, अब वापस कर रहे इंसानी भर्ती, कहा- गलती हो गई!

एआई के खतरों से दुनिया को लगातार आगाह किया जा रहा है.  बताया जा रहा है कि एक दिन एआई बुद्धिमत्ता में इंसानों को पछाड़ ही देगा. ज्यादातर लोग सहमत हैं कि एआई लोगों की नौकरी कम करने में अहम भूमिका निभाने वाला है. यह तो दिखने भी लगा है. एक कंपनी ने कुछ साल पहले आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को अपनाया था. इस चक्कर में कई लोगों की नौकरी चली गई थी. कंपनी ने कहा था कि एआई तो 700 लोगों का काम कर सकता है. लेकिन हाल ही में कंपनी ने उन्हीं निकाले गए कर्मचारियों को फिर से बुलाने का फैसला किया है और इसकी वजह कुछ अजीब से बताई है.

कंपनी नौकरियों को कर रही थी ऑटोमैटिक
स्वीडन की फिनटेक कंपनी क्लार्ना ने कुछ साल पहले आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस  को अपनाकर अपनी मार्केटिंग और ग्राहक सेवा नौकरियों को ऑटोमैटिक करने का बड़ा फैसला लिया था. अब कंपनी को अपनी इस रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है. यहां तक कि क्लार्ना के सीईओ सेबेस्टियन सिएमियातकोव्स्की ने स्वीकार किया कि मानव कर्मचारियों को हटाकर AI को प्राथमिकता देना एक गलती थी.

पूरी तरह से रोक दी थी मानव भर्ती
अब कंपनी एक बड़ी भर्ती योजना शुरू कर रही है, जिसमें रिमोट मानव कर्मचारियों को ग्राहक सेवा के लिए नियुक्त किया जाएगा. 2023 में, क्लार्ना ने ओपनएआई के साथ साझेदारी के बाद मानव भर्तियों को पूरी तरह रोक दिया था. कंपनी ने पहले अपनी मार्केटिंग कॉन्ट्रैक्ट्स में कटौती की और फिर 2024 में ग्राहक सेवा टीम को AI एजेंट्स से बदल दिया. इस दौरान, कंपनी ने दावा किया कि उसका AI सहायक 700 पूर्णकालिक कर्मचारियों के बराबर काम कर रहा है और ग्राहक सेवा में औसत समाधान समय 11 मिनट से घटकर 2 मिनट हो गया है.

कंपनी का कहना है कि एआई के पूरी तरह भरोसे रहना उनकी गलती थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Canva)

क्या हुआ था एआई के उपयोग से?
क्लार्ना ने यह भी कहा कि AI के उपयोग से मार्केटिंग में 10 मिलियन डॉलर 85 करोड़ 60 लाख रुपयों की बचत हुई, जिसमें अनुवाद, कला निर्माण, और डेटा विश्लेषण जैसे काम AI को सौंपे गए. लेकिन इस लागत-केंद्रित इस नजरे ने ही कंपनी को मुश्किल में डाल दिया. अब कंपनी की कहना है कि AI पर अत्यधिक निर्भरता ने सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित किया है.

सबसे बड़ी गलती
सिएमियातकोव्स्की ने ब्लूमबर्ग को बताया, “लागत को प्राथमिकता देना हमारी सबसे बड़ी गलती थी. इससे सेवा की गुणवत्ता में कमी आई.” उन्होंने माना कि गुस्साए ग्राहकों के साथ बातचीत में AI एजेंट्स उतने प्रभावी नहीं थे, जितनी उम्मीद थी. “ब्रांड और कंपनी के दृष्टिकोण से, यह बहुत ज़रूरी है कि ग्राहकों को हमेशा यह भरोसा हो कि वे चाहें तो किसी मानव से बात कर सकते हैं,”

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रोचक बात ये है कि सिएमियातकोव्स्की  ने यह भी कहा कि यह बयान उनके पिछले दावे से बिल्कुल उलट है, जब जनवरी 2024 में उन्होंने कहा था कि “AI अब वह सब कुछ कर सकता है, जो हम इंसान करते हैं.” क्लार्ना ने पिछले साल अपनी कर्मचारी संख्या में 22% की कटौती की थी, जिसके बाद उसका कुल कर्मचारी आधार 3,500 तक सिमट गया. कंपनी ने भर्तियों पर रोक लगाकर और प्राकृतिक रूप से कर्मचारियों के जाने पर नए लोगों को नहीं लेने का फैसला किया था.

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