Last Updated:
सीकर में 45 डिग्री तापमान में महंत गोपीनाथ महाराज 9 दिन की अखंड अग्नि तपस्या कर रहे हैं. 27 मई को तपस्या का समापन होगा और विशेष आयोजन होगा.

अग्नि तपस्या में बैठे महंत
हाइलाइट्स
- महंत गोपीनाथ महाराज 9 दिन की अखंड अग्नि तपस्या कर रहे हैं.
- 45 डिग्री तापमान में तपस्या के दौरान अन्न और जल ग्रहण नहीं करते.
- 27 मई को तपस्या का समापन होगा, जिसमें विशेष आयोजन होगा.
सीकर:- भयंकर गर्मी में जहां लोगों का घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो रहा है, वहां राजस्थान के सीकर जिले में एक महंत पिछले कुछ दिनों से अग्नि तपस्या कर रहे हैं. यह महंत 9 दिन की अखंड अग्नि तपस्या कर रहे हैं. मूंडवाड़ा के जसनाथ आश्रम के महंत गोपीनाथ महाराज जी ये कठिन साधना कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, 18 मई से महंत गोपीनाथ जी महाराज लगातार अखंड अग्नि तपस्या पर बैठे हैं.
45 डिग्री अधिक टेंपरेचर में गोपीनाथ जी महाराज यह तपस्या कर रहे हैं. मूंडवाड़ा के जसनाथ आश्रम में जब से महंत अग्नि तपस्या में बैठे हैं, तब से आश्रम में पूजा पाठ जारी है. क्षेत्र की महिलाओं द्वारा यहां पर गीत गाकर पूजा अर्चना की जा रही है. जानकारी के अनुसार, 27 मई तक महंत गोपीनाथ जी महाराज की तपस्या जारी रहेगी.
अग्नि तपस्या के दौरान अन्न और जल भी ग्रहण नहीं करते
मूंडवाड़ा गांव के स्थानीय निवासी संतोष जांगिड़ ने Local 18 को बताया कि विश्व शांति के लिए गोपीनाथ जी महाराज अग्नि तपस्या और मन तपस्या कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि महाराज रोजाना सुबह 11 से तपस्या स्थल पर जगह-जगह अग्नि जलाकर उसके सामने बैठते हैं. शुरुआत में जोर-जोर से वे मंत्र पढ़ते हैं और धीरे-धीरे साधना में चले जाते हैं.
उन्होंने बताया कि एक बार तपस्या पर बैठने के बाद महाराज दिनभर अन्न और जल भी ग्रहण नहीं करते हैं. उनकी ये कठिन साधना रोजाना शाम 5 बजे पूरी होती है. इसके बाद वे कुछ देर आराम करते हैं और सो जाते हैं.
ये भी पढ़ें:- घुमन्तू परिवारों का दर्द: नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, सड़क किनारे बैठकर कर रहे जीवन यापन
संस्कृतियों में संतों की अपनी विशिष्ट भूमिकाएं
जांगिड़ ने Local 18 को बताया कि तापमान लगातार बढ़ रहा है, लोग घर से नहीं निकल रहे हैं. भीषण गर्मी में आग के सामने बैठना मुश्किल रहता है. भारत में संतों का इतिहास बहुत पुराना है. विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में संतों की अपनी विशिष्ट भूमिकाएं है. लेकिन वे सभी सत्य, प्रेम और ज्ञान की खोज में समर्पित रहे हैं. उन्होंने बताया कि 27 मई को मौन और अग्नि तपस्या के समापन पर मूंडवाड़ा के जसनाथ आश्रम में विशेष आयोजन भी होगा, जिसमें दूर दराज से लोग शामिल होंगे.
Leave a Comment