वो कैदी, जो 46 सालों से है जेल में, फिलहाल ‘कांच के बॉक्स’ में बंद, मर रहा धीरे-धीरे! जानिए क्यों?

कभी सोचकर देखा है कि कोई 46 साल तक एक छोटे से कमरे में कैसे जिंदगी गुजार सकता है? वो भी अकेले, बिना किसी से बात किए, धूप भी नसीब नहीं होती, क्या ये संभव है? यकीनन, ऐसे हालात में किसी भी इंसान की मानसिक स्थिति खराब हो सकती है. लेकिन ब्रिटेन के रहने वाले 72 साल के रॉबर्ट मॉड्सली के साथ ऐसा ही हो रहा है. रॉबर्ट ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक जेल में बंद कैदी में शुमार हैं, जो ऐसी ही जिंदगी जी रहे हैं. कुछ समय पहले उन्हें कांच के बॉक्स में बंद कर दिया गया. चार हत्याओं के लिए कुख्यात, उन्हें ‘हैनिबल द कैनिबल’ कहा जाता है, लेकिन उनकी प्रेमिका लवीनिया ग्रेस मैकेनी की नजरों में वे एक टूटा हुआ इंसान हैं, जिन्हें जेल का नया नियम धीरे-धीरे मार रहा है. भूख हड़ताल, कोविड की मार और 17,000 दिन के अकेलेपन से रॉबर्ट अब पूरी तरह टूट चुके हैं. आखिर कैसे एक मासूम बच्चा 21 साल का होते-होते हत्यारा बन गया?

बता दें कि रॉबर्ट मॉड्सली की जिंदगी किसी डरावने सपने जैसी है. वो लिवरपूल में 12 भाई-बहनों के बीच पले बढ़े. उनका बचपन पिटाई और उपेक्षा से भरा था. पिता ने उन्हें छह महीने कमरे में बंद रखा, वो भी रोज मारते हुए. ऐसे में एक दिन सामाजिक संगठनों ने उन्हें अनाथालय भेजा, लेकिन पिता से मिला दर्द उनके दिल में बस गया. 1974 में 21 साल की उम्र में रॉबर्ट ने जॉन फैरेल की हत्या की, जिसके लिए उन्हें ब्रॉडमूर सिक्योर हॉस्पिटल भेजा गया. लेकिन हॉस्पिटल में भी उन्होंने एक मरीज को मार डाला. फिर, 1978 में वेकफील्ड जेल में, दो कैदियों की हत्या कर दी, जिन्हें वे गलत मानते थे. गार्ड को उन्होंने कहा, “गिनती में दो कम होंगे.” इन अपराधों ने उन्हें जेल की सबसे गहरी अंधेरी कोठरी में धकेल दिया. इसके बाद उन्हें 1983 से मॉन्स्टर मेंशन’ कहे जाने वाले मॉड्सली वेकफील्ड जेल के एक 18×15 फीट के शीशे के सेल में कैद कर दिया गया. यह सेल ‘साइलेंस ऑफ द लैम्ब्स’ के हैनिबल लैक्टर जैसा था. 23 घंटे अकेले, वे किताबें पढ़ते, कविताएं लिखते, और चित्र बनाते.

जेल में बंद रॉबर्ट की प्रेमिका लवीनिया मैकेनी का कहना है कि यह अमानवीय है. (Photo Credit- Mirror)

मारकर खा जाते थे दिमाग?
रॉबर्ट को लेकर कहा जाता है कि हत्या के बाद वो डेड बॉडी से दिमाग निकालकर खा जाते थे, जिसकी वजह से उनकी छवि ‘हैनिबल’ की बन गई. लेकिन यह एक मिथक थी. उन्होंने कभी दिमाग नहीं खाया, जैसा दावा किया गया. लेकिन अप्रैल 2025 में टीवी और प्लेस्टेशन जैसे ‘विशेषाधिकार’ छिनने पर उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की. इसके बाद उन्हें कैंब्रिजशायर के व्हाइटमूर जेल के एफ-विंग में भेजा गया, जहां खतरनाक कैदी रहते हैं. लेकिन अब रॉबर्ट की प्रेमिका लवीनिया मैकेनी सामने आई हैं, जो लंदन में रहती हैं. साल 2020 में रॉबर्ट के ऊपर बनी एक डॉक्यूमेंट्री देखकर लवीनिया उनसे जुड़ीं. वो मिरर (Mirror.co.uk) से बातचीत में कहती हैं, “वह कोविड-19 से दो बार बीमार हुए, लगभग मरते-मरते बचे. इस बीच जेल का नया नियम, बिना टीवी-रेडियो, 70 अन्य कैदियों के बीच रहना, उन्हें तोड़ रहा है.” लवीनिया को रॉबर्ट भी पत्र लिखते हैं. उन्होंने लिखा, “पत्र जांचे जाते हैं, मैं खुलकर नहीं लिख सकता.” लवीनिया का दावा है, “यह अमानवीय है. वे जानते थे कि यह जोखिम भरा है.” एक पूर्व कैदी ने उनके 46 साल के अकेलेपन को “यातना” कहा. हालांकि, जेल प्रशासन ने इस पर कमेंट करने से इनकार किया, लेकिन एक सूत्र ने कहा कि ब्रिटेन में कोई अकेले नहीं रखा जाता.

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