देखने में लगते हैं एक, लेकिन दो चर्च हैं, जिनके बीच छुपी है तीसरी इमारत, ढूंढना है मुश्किल!

सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसी तस्वीरें वायरल होती हैं, जिसमें कुछ चीजों को तलाशना होता है. लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसे घर की फोटो लेकर आए हैं, जो देखने में पतली दीवार जैसी लगती है. लेकिन हैरत की बात ये है कि उस घर को इस तस्वीर में ढूंढ पाना अच्छे-अच्छों के लिए बेहद मुश्किल है. बार-बार आपकी नजरें तस्वीर में दिख रही इमारत पर जाएगी, जिसमें दो चर्च हैं. लेकिन इनके बीच में ही कहीं पर वो पतला रहस्यमयी घर छुपा है. हर दिन इसके सामने से हजारों लोग गुजरते हैं, लेकिन वो भी इसे नोटिस नहीं कर पाते. क्या आपको वो घर नजर आया? यकीनन, नहीं दिखा होगा. लेकिन उससे पहले आपको हम उस घर के बारे में बतला देते हैं, जिसका नाम कासा एस्कोन्डिडो (Casa Escondido) है. यह पुर्तगाल के पोर्टो शहर का सबसे पतला घर है. इसे देखने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे.

बता दें कि पोर्टो शहर में इगरेजा डोस कार्मेलिटास (Igreja dos Carmelitas) और इगरेजा डो कार्मो (Igreja do Carmo) नाम के दो चर्च एक-दूसरे से सटे हुए हैं. पहली नजर में यह एक ही विशाल चर्च लगता है, लेकिन असल में यह तीन अलग-अलग इमारतें हैं. इन दोनों चर्चों के बीच में बमुश्किल 1.5 मीटर चौड़ा कासा एस्कोन्डिडो (Casa Escondido) है, जो इतना पतला है कि बाहर से दीवार जैसा लगता है. इसकी पहचान सिर्फ एक हरा दरवाजा और दो छोटी खिड़कियां हैं. हर दिन हजारों लोग इसके सामने से गुजरते हैं, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं कि इसके पीछे एक पूरा घर छुपा है. इस अनोखे घर को हाल ही में Channel 4 के शो “George Clarke’s Amazing Spaces” में दिखाया गया, जहां होस्ट जॉर्ज क्लार्क (George Clarke) ने दर्शकों को इसके अंदर की सैर कराई. 1768 में बने इस घर में घुसते ही जॉर्ज हैरान रह गए. उन्होंने कहा, “यह वाकई कमाल है! सामने का दरवाजा सिर्फ एक मीटर से थोड़ा ज्यादा चौड़ा है, लेकिन अंदर जाते ही यह थोड़ा फैलता है.”

अंदर एक खूबसूरत सर्पिल सीढ़ी है, जो इस घर को तीन मंजिलों में बांटती है. इसमें एक लिविंग रूम, बेडरूम, स्टडी और एक अतिरिक्त कमरा है, जो हैरी पॉटर की किसी जादुई जगह जैसा लगता है. जॉर्ज ने बताया कि बाईं ओर का चर्च 17वीं सदी में कार्मेलाइट ननों के लिए बनाया गया था और दाईं ओर का चर्च 18वीं सदी में साधुओं के लिए. कासा एस्कोन्डिडो को इन दोनों के बीच बनाया गया, ताकि साधु और नन एक-दूसरे से अलग रहें. कुछ स्थानीय कहानियों के अनुसार, उस समय के कानून में यह नियम था कि दो चर्च एक ही दीवार शेयर नहीं कर सकते और इसलिए यह छोटा सा घर बनाया गया. यह एक तरह से दोनों को जोड़ने और अलग करने वाला पुल बन गया. घर के अंदर की सादगी देखकर जॉर्ज हैरान थे. उन्होंने कहा, “अंदर सब कुछ बहुत साधारण है. दोनों तरफ सजे-धजे चर्च हैं, लेकिन बीच में यह घर सिर्फ सफेद दीवारों और लकड़ी के फर्श वाला है, जैसे किसी साधु का कमरा हो.” बाहर से यह इतना साधारण लगता है कि कोई सोच भी नहीं सकता कि इसके अंदर एक पूरा घर है.

कासा एस्कोन्डिडो में 1980 के दशक तक लोग रहते थे. चैपलिन, कलाकार, डॉक्टर और चर्च के केयरटेकर भी यहां रहे हैं. अब यह एक टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र बन गया है, जहां आप 5 यूरो (लगभग 500 रुपए) में टिकट लेकर इस घर और पास के संग्रहालय को देख सकते हैं. यह घर न सिर्फ अपनी अनोखी संरचना के लिए मशहूर है, बल्कि उस इतिहास के लिए भी, जो इसे साधुओं और ननों की कहानी से जोड़ता है. यह घर हमें समय के उन नियमों और रीति-रिवाजों की याद दिलाता है, जो आज अजीब लगते हैं, लेकिन उस समय के समाज का हिस्सा थे. जॉर्ज क्लार्क ने इसे “छिपा हुआ खजाना” कहा और यह वाकई में सच है. बता दें कि कासा एस्कोन्डिडो एक ऐसी जगह है, जो बाहर से अदृश्य है, लेकिन अंदर से एक पूरी दुनिया समेटे हुए है. अगर आप कभी पोर्टो जाएं, तो इस छोटे से हरे दरवाजे को ढूंढना न भूलें. कौन जानता है, शायद यह आपके लिए भी एक नया आश्चर्य भरा अनुभव हो!

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